Saturday, May 29, 2021

Delhi का इतिहास, वर्तमान तथा प्रमुख तथ्य- दिल्ली इन वजहों से हमेशा भारतीय राजनीति का केन्द्र रही है-

दिल्ली का इतिहास भारत के इतिहास में बहुत ही महत्व रखता है, पांडवो की राजधानी इंद्रप्रस्थ से लेकर वर्तमान समय में दिल्ली तक दिल्ली हमेशा से ही भारत के केन्द्र में रही है, दिल्ली जहां से अंग्रेजो ने भी भारत को नियंत्रित करने का प्रयास किया. 

इसी माध्यम से हम दिल्ली के इतिहास को समझने का प्रयास करते है-

Delhi का इतिहास:-

भारतीय महाकाव्य "महाभारत" में वर्णित पांडवों की राजधानी "इन्द्रप्रस्थ" का स्थान है।

  • चन्दबरदाई की रचना पृथ्वीराज रासो में राजा "अनंगपाल सिंह तोमर" को दिल्ली का संस्थापक बताया गया है।
  • कुतुबुद्दीन ऐबक ने दिल्ली सल्तनत और गुलाम वंश की नींव डाली।
  • दिल्ली पर शासन करने वाली पहली व एकमात्र महिला, इल्तुतमिश की बेटी "रजिया सुलतान" थी.


  • मुगल वंश ने 1540-1556 के सोलह वर्ष के अंतराल के साथ लगभग तीन शताब्दी तक दिल्ली पर शासन किया। इन 16 वर्षों का अन्तराल शेरशाह सूरी के हुमायूं को हराकर भगा देने कारण आया था।
  • शाहजहाँ ने दिल्ली का सातवां शहर शाहजहॉनाबाद रखा, जो 1638 में मुगल साम्राज्य की राजधानी के रूप में काम करती थी। इसे वर्तमान में "पुरानी दिल्ली" के नाम से जाना जाता है।
  • 1738 में, बघेल सिंह के नेतृत्व में सिखों ने दिल्ली व लाल किले पर कब्जा कर लिया, लेकिन संधि पर हस्ताक्षर किए जाने के कारण, सिख लाल किले से वापस चले गये और "शाह आलम द्वितीय" को सम्राट के रूप में बहाल करने पर सहमत हुए.
  • 1803 में द्वितीय आंग्ल-मराठा युद्ध के दौरान ईस्ट इंडिया कंपनी ने मराठा सेना को हरा दिया।
  • 1858 को यह शहर ब्रिटिश सरकार के सीधे नियंत्रण में आ गया।
  • "नई दिल्ली" नाम 1927 में दिया गया था और 13 Feb 1931 को नई राजधानी का उद्घाटन किया गया था। इस समय वायसराय "लार्ड इरविन" थे।
  • *इसे "लुटियन्स दिल्ली" के नाम से भी जाना जाता है।


  • 15Aug1947 को स्वतन्त्रता के पश्चात आधिकारिक रूप से भारत संघ की राजधानी दिल्ली को घोषित कर दिया गया.


Delhi के कुछ आधारभूत तथ्य:-

  • राजधानी- 13 Feb 1931
  • केन्द्र शासित प्रदेश- 1956
  • राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र(NCR)- 1 Feb 1992
  • जिले- 11
  • उप राज्यपाल- अनिल बैजल
  • मुख्यमंत्री- अरविंद केजरीवाल
  • उप मुख्यमंत्री- मनीष सिसोदिया 
  • MLA- 70
  • Lok Sabha- 7
  • Rajya Sabha- 3

Map of Delhi


Delhi के सीमावर्ती राज्य:-

पूर्व में उत्तर प्रदेश तथा शेष तीन दिशाओं से हरियाणा की सीमाएँ है।

  1. हरियाणा 
  2. उत्तर प्रदेश 


Delhi के राजकीय चिह्न:-

  • राज्य पशु-  नीलगाय
  • राज्य पक्षी- गौरैया 
  • राज्य वृक्ष-  Flamboyant 
  • राज्य पुष्प- "अल्फाल्फा"
  • 20 March को "गौरैया दिवस" मनाया जाता है।


Delhi की भौगोलिक स्थिति:-


दिल्ली के भूगोल की दो प्रमुख विशेषताएं है।

  1. यमुना के बाढ़ के मैदान 
  2. दिल्ली के रिज


  • "हिंडन नदी", गाजियाबाद को दिल्ली के पूर्वी हिस्से से अलग करती है।
  • दिल्ली रिज दक्षिण में अरावली रेंज से शुरू होता है और शहर के पश्चिम, उत्तर-पूर्व और उत्तर पश्चिम भागों को घेरती है।


Delhi के सामान्य तथ्य-

  • भारत में पहली बार एशियन गेम्स 1951में दिल्ली में ही हुए थे।
  • राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) का केंद्र दिल्ली है।
  • दिल्ली भूकम्पीय क्षेत्र (seismic zone)-IV में आता है।
  • Edwin Lutyens ने ही- 1- इंडिया गेट (1931)   2- राष्ट्रपति भवन (1912)    3- संसद भवन(1921) बनाया था। राष्ट्रपति भवन को ही पहले "वायसराय हाउस" कहते थे।
  •  हिंडन एयरपोर्ट, गाजियाबाद इसे प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिल्ली-NCR में 8March2019 को उद्घाटन किया गया।
  • दिल्ली मेट्रो प्रोजेक्ट पद्म विभूषण E.Shridharan के नेतृत्व में बना। इन्हे "मेट्रो मैन आफ इंडिया" के नाम से भी जाना जाता है।
  • 3 May 1995 को दिल्ली मेट्रो कारपोरेशन बना तथा 24 Dec 2002 को मेट्रो सुविधा शुरू कर दी गई, जिसका उद्घाटन तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी जी ने किया था।
  • दिल्ली मेट्रो की पहली लाइन "रेड लाइन" थी। 


Delhi के महत्वपूर्ण त्यौहार:-

 उत्तर भारत के लगभग सभी बड़े त्यौहार यहां मनाये जाते है। अत: कुछ अन्य महत्वपूर्ण त्यौहार निम्नवत है-

  1. International Mango Festival 
  2. India International Trade Fair
  3. गुरु नानक जी का जन्मदिन
  4. कुतुब त्यौहार



दिल्ली की प्रसिद्ध जगहें:-

  1. जामा मस्जिद 
  2. जन्तर मन्तर 
  3. कुतुब मीनार 
  4. राष्ट्रपति भवन
  5. लाल किला 
  6. शान्ति वन
  7. विजय घाट 
  8. राज घाट 
  9. इंडिया गेट 
  10. Lotus Temple

इन सबसे अलग दिल्ली अपने लजी़ज भोजन को लेकर भी प्रसिद्ध है।


UNESCO 🌍 Heritage Sites in Delhi:-

  1. हुमायूं का मकबरा-1993
  2. कुतुब मीनार-1993
  3. लाल किला-2007

Tuesday, May 25, 2021

सिक्किम का इतिहास,वर्तमान तथा प्रमुख तथ्य- सिक्किम का इतिहास भी कश्मीर जैसा पेंचीदा है.

सिक्किम राज्य का इतिहास भी कश्मीर हैदराबाद तथा जूनागढ़ की रियासतों के विलय की ऐतिहासिकता से कम नहीं है। भारत सरकार की रणनीति सूझबूझ व वहाँ की बहुसंख्यक नेपाली जनता के समर्थन से सिक्किम को Protectorate State से भारत गणराज्य का राज्य बनाया गया। 

आइये जानते है,सार शब्दों में भारत के सबसे सुन्दर राज्यों में से एक पक्षियों का स्वर्ग कहे जाने वाले सिक्किम राज्य के बारे में-

सिक्किम राज्य का इतिहास:-

  • सिक्किम में एक राजशाही साम्राज्य सन् 1642 से May 1975 तक रहा.
  • सन् 1890 से सन् 1950 तक यह ब्रिटिश इंडिया द्वारा संरक्षण प्राप्त राज्य रहा, अर्थात-सिक्किम पर ब्रिटिश सरकार का हस्तक्षेप था, राजा जिसे सिक्किम में 'चोग्याल" कहा जाता है, उसका पद यथावत रहता था।

  • इंण्डो-सिक्किम सन्धि सन् 1950 पर हस्ताक्षर हुए तथा सिक्किम अब एक भारत सरकार का संरक्षण प्राप्त राज्य बन गया।

  • "काजी लेन्डुप डोरजी" पहले मुख्यमंत्री बने, किन्तु चोग्याल (राजा) अभी भी शक्ति में थे।

  • Sept 1974 में 35वें संविधान संशोधन द्वारा सिक्किम को भारत का सहराज्य बना दिया गया था.
  •  10 April 1975 को चोग्याल पद निरस्त कर दिया गया, जिससे विरोध बढ गया।
  • भारत सरकार ने जनमत संग्रह कराया जिसमे भारत का पक्ष विजयी रहा और 36वें संविधान संशोधन के साथ सिक्किम भारत का 22वां पूर्ण राज्य बन गया।


सिक्किम के आधारभूत तथ्य:- 

  • राज्य का दर्जा- 16 May 1975
  • राजधानी- गंगटोक 
  • जिले- 04
  • मुख्यमंत्री- प्रेम सिंह तमांग
  • राज्यपाल- गंगा प्रसाद 
  • हाईकोर्ट- सिक्किम हाईकोर्ट 
  • मुख्य न्यायाधीश- अरूप कुमार गोस्वामी 
  • MLA- 32
  • LOK SABHA- 1
  • RAJYA SABHA- 1


सिक्किम के सीमावर्ती क्षेत्र:- 

अंगूठे के आकार का कहा जाने वाला राज्य  एक राज्य तथा तीन देशों की सीमाओं से घिरा है।

  • पूर्व में भूटान
  • पश्चिम में नेपाल
  • उत्तर में तिब्बत
  • दक्षिण में पश्चिम बंगाल 


सिक्किम के राजकीय चिह्न:- 

  • राज्य पशु:- लाल पांडा 
  • राज्य पक्षी:-  Blood pheasant 
  • राज्य पुष्प:- Noble Dendeobium
  • राज्य वृक्ष:- Rhododendron Niveum


सिक्किम की भौगोलिक स्थिति:-

  • भारत का सबसे कम आबादी वाला दूसरा राज्य है।
  • जैव विविधता में अल्पाईन वृक्ष तथा उपोष्णकटिबंधीय जलवायु है।
  • भारत में सबसे ऊंची चोटी कंचनजंगा जोकि विश्व की तीसरी सबसे ऊंची चोटी है। मांउट K2 गॉडविन ऑस्टिन POK वाले क्षेत्र में है।
map of Sikkim




सिक्किम के प्रमुख बांध:- 

जोरथांग हाइड्रोइलेक्ट्रिक प्रोजेक्ट- (96  मेगावाट) रंगीत नदी पर स्थित है।


सिक्किम की प्रमुख झीलें:-

  • चोलामू झील
  • ग्रीन लेक
  • राजकाठोक लेक
  • मेनमेचो लेक

सिक्किम के प्रमुख दर्रे :-

  1. जैलेप ला
  2. नाथु ला

सिक्किम के प्रमुख नृत्य:- 

  • मरूनी 
  • सिकमारी 
  • तमांग सेलो

सिक्किम के प्रमुख त्यौहार:-


  • लुसूंग त्यौहार 
  • लोसर त्यौहार 
  • बामचू त्यौहार


सिक्किम राज्य के महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उद्यान तथा वन्यजीव अभ्यारण्य:-

  • कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान 
  • सिंहबा बुरांश(Rhododendron) अभ्यारण्य 
  • मैनाम वन्यजीव अभयारण्य 
  • वारसेय बुरांश अभयारण्य


सिक्किम राज्य के सामान्य तथ्य :-

  • सन् 1994 -2019 तक  25 वर्ष तक देश के सबसे लम्बे समय तक पवन कुमार चामलिंग जी मुख्यमंत्री रहे हैं।

  • भारत को पूर्वोत्तर के सभी राज्यों से जोड़ने वाला "सिलीगुड़ी कोरिडोर या चिकेन नेक" यही पर है।

  • 8 Dec 2008 को सिक्किम भारत का पहला खुले में शौच से मुक्त राज्य बना। इस राज्य को "निर्मल राज्य" की उपाधि मिली।

  • इसे पक्षियों का स्वर्ग कहा जाता है।


अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा:-


  •  24 Sept 2018 को पैकयोंग एयरपोर्ट बनाया गया।



UNESCO 🌍 Heritage Sites in Sikkim-


  • कंचनजंगा राष्ट्रीय उद्यान- 2016


GI TAGS OF SIKKIM:- 

सिक्किम बड़ी इलायची


यदि कोई यूरोप पर्यटन चाहता है, तो उसे पहले सिक्किम अवश्य टहलना चाहिए। उपरोक्त तथ्य केवल एक साधारण ब्यौरा मात्र ही है। इसके अतिरिक्त सिक्किम के तिब्बती स्टाइल वाले बुद्धिस्ट गोम्पा, ऊंचे पहाड़ों पर स्थित घास के मैदान व आश्चर्य में डालने वाले झरनें व 8586m की ऊंचाई वाला कंचनजंगा पर्वत ऐसा बेमिसाल प्राकृतिक सौन्दर्यों का गढ है, जिसका वर्णन बडे़ बडो़ के लिये सहज नहीं है।

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उत्तर प्रदेश का इतिहास, वर्तमान तथा प्रमुख तथ्य- जिनको आप निश्चित रूप से नही जानते होगे-

उत्तर प्रदेश एक ऐसा राज्य है जो अप्रतिम, आभावान व श्रेष्ठतम व्यक्तित्वों के दैदीप्यमान नक्षत्रों से परिचित रहा है, उत्तर प्रदेश हिन्दू धर्म का प्रमुख स्थल है।


दयालुता, करुणा, विद्वता, सच्चरित्रता, आत्मा संयम, शान्त स्वभाव, इन छः गुणों से भूषित मर्यादा पुरूषोत्तम भगवान राम व परमावतार श्री कृष्ण की जन्मभूमि होने से लेकर भारत के सर्वाधिक प्रधानमंत्री देने का गौरव भी इसी राज्य को प्राप्त है।

उत्तर प्रदेश का इतिहास:-


सन् 1902 में नाॅर्थ प्रोविजन आगरा व अवध का नाम बदलकर यूनाईटेड प्रोविन्स ऑफ आगरा व अवध कर दिया गया।

  • सन् 1920 में इसकी राजधानी प्रयागराज से लखनऊ स्थानांतरित कर दी गई।
  • सन् 1950 में इसका नाम उत्तर प्रदेश पड़ा।
  • सन् 1968 से लेकर अब तक 1700 दिनों से भी अधिक व 10 बार राष्ट्रपति शासन लागू हो चुका है।
  • 9 Nov 2000, को नया राज्य उत्तराखंड इससे अलग होकर बना।
  • *सरोजनी नायडू, उत्तर प्रदेश व भारत की पहली महिला राज्यपाल बनी।
  • गोविंद बल्लभ पंत राज्य के पहले मुख्यमंत्री बनें।


उत्तर प्रदेश के प्रमुख आधारभूत तथ्य:-


  • राज्य का दर्जा- 24 जनवरी 1950
  • राजधानी- लखनऊ
  • जिले- 75
  • राज्यपाल- आनन्दी बेन पटेल
  • मुख्यमंत्री- योगी आदित्य नाथ
  • उप मुख्यमंत्री- केशव प्रसाद मौर्य व दिनेश शर्मा
  • हाईकोर्ट- इलाहाबाद हाईकोर्ट
  • मुख्य न्यायाधीश- गोविंद माथुर
  • MLA- 403 +1 (One Anlo-Indian member)
  • Lok Sabha- 80
  • Rajya Sabha- 31
उत्तर प्रदेश के जिले.


सीमावर्ती राज्य:- 

उत्तर प्रदेश की सीमाएँ भारत के 9 राज्य व नेपाल देश के साथ साझा होती है।

  1. दिल्ली
  2. हरियाणा
  3. राजस्थान
  4. मध्यप्रदेश
  5. झारखण्ड
  6. छत्तीसगढ़
  7. बिहार
  8. उत्तराखंड
  9. हिमांचल प्रदेश
  •  उत्तराखंड, हरियाणा, हिमांचल के साथ सहारनपुर जिला सीमा साझा करता है।


उत्तर प्रदेश के राजकीय चिह्न:-

एक वृत्ताकार सील है जो चित्रण करती है, गंगा व यमुना के निरन्तर प्रवाह को तथा मछलियों की जोड़ी पूर्व में रहे अवध के हिन्दू व मुस्लिम शासको का प्रतिनिधित्व करती है। धनुष-बाण भगवान राम से सम्बन्धित है।
उत्तर प्रदेश का राजकीय चिन्ह



  • राज्य पशु- बारहसिंगा
  • राज्य पक्षी- सारस
  • राज्य पुष्प- पलास
  • राज्य वृक्ष- अशोक (Saraca Ashoka)
  • राज्य नृत्य- कत्थक


 

उत्तर प्रदेश की भौगोलिक स्थिति:-


  • उत्तर प्रदेश, भारत का चौथा सबसे बड़ा राज्य है, यह लगभग यूनाईटेड किंगडम के आकार जितना है।
  • राज्य में छोटी बड़ी मिलाकर कुल 32 नदियाँ हैं।
  • गंगा, यमुना, सरयू, बेतवा और घाघरा हिन्दू धर्म में व उत्तरप्रदेश में महत्वपूर्ण स्थान रखती हैं।
  • राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (NCR) में राज्य के 8 जिले (मेंरठ, गाजियाबाद, गौतमबुद्ध नगर ,बुलंदशहर, हापुड़, बागपत, मुजफ्फरनगर शामली) है।
  • उत्तर प्रदेश में 18 मंडल तथा 75 जिले है।
  • उत्तर प्रदेश के "ललितपुर जिले" से यूरेनियम प्राप्त होती है।


उत्तर प्रदेश राज्य के प्रमुख बांध:-


  1. रिहन्द/गोविंद बल्लभ पंत सागर:- पिपरी नदी-सोनभद्र
  2. माताटीला बांध:- बेतवा नदी-ललितपुर
  3. गोविंद सागर बांध:- शहजाद नदी- ललितपुर


उत्तर प्रदेश राज्य की महत्वपूर्ण झीलें:-


  1. मोती झील:- कानपुर
  2. राजा का ताल:- NH 19
  3. बारू सागर ताल:- झांसी


उत्तर प्रदेश राज्य के सामान्य तथ्य:-

  • यह भारत की सबसे अधिक आबादी वाला राज्य है।
  • NCRB (National crime records bureau) के अनुसार- उत्तर प्रदेश, महिलाओं के विरुद्ध अपराधों के मामलों शीर्ष पर है। 
  • महाजनपद काल में 16 महाजनपदों में से 08 महाजनपदों के क्षेेत्र उत्तर प्रदेश के क्षेत्र में आते हैं।
  • लखीमपुर जिला क्षेेत्रफल की दृष्टि से सबसे बड़ा है।
  • सर्वाधिक साक्षरता वाला जिला "गौतमबुद्ध नगर" तथा न्यूनतम साक्षरता वाला जिला श्रावस्ती है।
  • प्रदेश की राजकीय भाषा हिंदी व दूसरी आधिकारिक भाषा उर्दू है।


GI TAGS of Uttar Pradesh:- 

उत्तर प्रदेश के कुछ महत्वपूर्ण GI tags प्राप्त अग्रलिखित है।

  1. इलाहाबाद सुर्खा
  2. लखनऊ चिकन क्राफ्ट
  3. मलीहाबादी दशहरी आम:-यहां का दशहरी आम विश्व है।
  4. बनारसी साड़ी
  5. हाथ की बनी काॅरपेट भदोही- दक्षिण एशिया का हब माना जाता है, दरी के लिये।
  6. काला नमक चावल
  7. फिरोजाबाद ग्लास- विश्व में चूङियों का सबसे बड़ा उत्पादक है
  8. आगरा दरी
  9. आगरा पेठा
  10. मथुरा पेडा़


उत्तर प्रदेश के प्रमुख मेला:-


  • नौचन्दी का मेला
  • माघ का मेला
  • रथ मेला
  • कुंभ मेला
  • देवा शरीफ मेला


उत्तर प्रदेश के प्रमुख नृत्य:-


  • स्वांग (लोकनृत्य
  • चरकुला नृत्य (लोकनृत्य)
  • रासलीला (लोकनृत्य
  • नौटंकी (लोकनृत्य)
  • अहीर नृत्य (लोकनृत्य)
  • धुरिया नृत्य (लोकनृत्य)
  • कत्थक (शास्त्रीय नृत्य)


उत्तर प्रदेश के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान तथा वन्यजीव अभयारण्य:-


  1. दुधवा नेशनल पार्क- लखीमपुर
  2. महावीर स्वामी वन्यजीव अभयारण्य- ललितपुर
  3. हस्तिनापुर वन्यजीव अभयारण्य- मेंरठ
  4. चन्द्रप्रभा वन्यजीव अभयारण्य- चन्दौली
  5. नबावगंज पक्षी अभयारण्य- उन्नाव


UNESCO 🌍HERITAGE SITE:-


  • Agra Fort:-1983
  • Taj Mahal:-1983
  • Fathehpur Sikri 1986

    महत्वपूर्ण राष्ट्रीय स्मारक:-

    • काशी विश्वनाथ- वाराणसी 
    • सारनाथ मंदिर - वाराणसी
    • मणिकर्णिका घाट- वाराणसी
    • राम जन्म भूमि- अयोध्या 
    • श्री राधा गोविंद मन्दिर- वृन्दावन 
    • तुलसी मानस मंदिर- वाराणसी
    • हनुमान सेतु मंदिर- लखनऊ 
    • धम्म स्तूप- वाराणसी
    • अकबर का मकबरा- आगरा
    • चुनार किला- वाराणसी
    • बड़ा इमामबाड़ा - लखनऊ 

         उत्तर प्रदेश के महान व्यक्तित्व:-

           उत्तर प्रदेश के व्यक्ति जो प्रधानमंत्री बनें:-

          1. जवाहर लाल नेहरू 
          2. लाल बहादुर शास्त्री 
          3. इन्दिरा गान्धी 
          4. चौधरी चरण सिंह
          5. विश्वनाथ प्रताप सिंह  

                    उत्तर प्रदेश में जन्मे प्रमुख कवि/लेखक:-

                      1. मैथिलीशरण गुप्त
                      2. शिवमंगल सिंह सुमन 
                      3. गोस्वामी तुलसीदास 
                      4. महादेवी वर्मा
                      5. मुंशी प्रेमचंद 
                      6. भारतेन्दु हरिश्चन्द्र 
                      7. जयशंकर प्रसाद
                      8. सुभद्रा कुमारी चौहान 
                      9. हरिवंश राय बच्चन
                      10. अमीर खुसरो

                                          उत्तर प्रदेश के प्रमुख खिलाड़ी:-

                                            1. मेजर ध्यानचंद (हाकी)
                                            2. के डी सिंह (हाकी)
                                            3. मोहम्मद कैफ (क्रिकेट)
                                            4. भुवनेश कुमार (क्रिकेट)

                                                      भारत का सबसे प्राचीन शहर वाराणसी है, जो लगभग 3000वर्ष पुराना माना जाता है। मान्यता है, भगवान शिव ने 5000 वर्ष पूर्व काशी की स्थापना की थी।

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                                                      Thursday, May 20, 2021

                                                      केन्द्र और राज्य सरकारो की इन गलतियों का खामियाजा आज हर भारतवासी भुगत रहा है। पढिये पूरा लेख-

                                                       देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर जहाँ लोगो को डरने पर मजबूर कर दिया है, लोग घर पर रहने को मजबूर है तो इसी स्थिति के बीच कोरोना वायरस की तीसरी लहर भी दस्तक देती हुई महसूस हो रही है। कई देशो व उत्तराखंड के कुछ इलाको में तीसरी लहर बच्चो को प्रभावित कर रही है।

                                                      Corona Virus File Image

                                                       

                                                      देश में जहाँ तीसरी लहर के आने की आशंका व्यक्त की जा रही है, लेकिन अभी दूसरी लहर की तबाही का रूप वैसा ही बना हुआ है। आइये जानने की कोशिश करते है कि क्या कदम उठाये जाने चाहिए थे ताकि दूसरी लहर के इस भयावह विनाश को कुछ हद तक कम किया जा सकता.

                                                      • इंग्लैंड और पश्चिमी देशो में जब कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन मिला था तब किसी भारतीय ने ना ही भारत सरकार ने यह सोचा था, कि कोरोना वायरस का यह नया स्ट्रेन भारत में इतनी तबाही मचा सकता है। कोरोना वायरस का नया स्ट्रेन मिलने पर सबसे पहले भारत सरकार को वहाँ से आने वाली सभी फ्लाइट को रद्द कर देना चाहिए था व भारतीयो को वहाँ जाने से मना कर देना चाहिए था। 
                                                      • जिन देशो में कोरोना वायरस का दूसरा स्ट्रेन फैला था वहाँ विशेषज्ञो की टीम भेजकर यह देखना चाहिए था कि वह कैसे दूसरे स्ट्रेन से निपट रहे है व जिन देशो ने दूसरे स्ट्रेन से सफलतापूर्वक निपटने में सफलता पायी थी उनकी पूरी रणनीति का खांका बनाकर तैयार कर लेना चाहिए था क्योकि दूसरा स्ट्रेन भारत में भी आ सकता था।
                                                      • कोरोना वायरस की दूसरी लहर में स्वास्थ्य सुविधाओ और ऑक्सीजन की कमी के कारण हजारो लोगो की मौते हुई है, केन्द्र सरकार का कहना है कि उन्होने अप्रैल 2020 के आसपास ऑक्सीजन प्लांट लगाने के लिए राज्यो को पैसा दिया था, जिनमें से लगभग 30-40 प्रतिशत ही ऑक्सीजन प्लांट लग पाये है। जबकि राज्यो का कहना है कि उन्हे जमीन देनी थी जबकि ऑक्सीजन प्लांट केन्द्र सरकार को ही लगाने थें. अगर केन्द्र सरकार राज्यो में चुनावो पर ज्यादा ध्यान न लगाकर राज्यो से सवाल-जवाब तलब करती है इस बात की जानकारी लेती कि कितने ऑक्सीजन प्लांट लग पाये है और मेडिकल सुविधाओ में कितना सुधार हुआ है तो देश में इतनी बङी तबाही को काफी हद तक कम किया जा सकता था।
                                                      • देश में फ्रंट लाइन वर्कर्स के वैक्सीनेशन का काम मध्य जनवरी से चालू हो गया था, जिसके बाद सरकार नें वैक्सीन मैत्री नामक एक योजना चलायी जिसके तहत लगभग 6 करोङ 63 लाख वैक्सीन विदेश भेजी गयी। जहाँ से सरकार को बहुत वाहवाही प्राप्त हुई, वैक्सीन को इतनी ही बङी मात्रा में बाहर भेजने के बजाय फ्रंट लाइन वर्कर्स के साथ-साथ पत्रकारो और शिक्षको जैसे तमाम जरूरी व्यक्ति जो आपदा में काम आ सकते है इनको लगायी गयी होती तो हजारो लोगो की जाने बच सकती थी, और हजारो परिवारो की खुशियाँ भी बच जाती। अगर वैक्सीनेशन की प्रक्रिया थोङी तेज होती तब भी हजारो मौतो को रोका जा सकता था।
                                                      •   इतनी भारी मात्रा में विदेशो को वैक्सीन निर्यात करने के फलस्वरूप केन्द्र सरकार को यह जरूर मालूम होगा कि देश में वैक्सीन की कमी है सकती है, जिसके लिए देश की अन्य कम्पनियों को लाइसेंस अप्रैल के शुरुआत में ही दे देना चाहिए था। केन्द्र सरकार अब यही काम कर रही है जबकि अब बहुत ही ज्यादा देर हो चुकी है। भारत सरकार वैक्सीन के लिए सिर्फ दो भारतीय कम्पनियों सीरम इंस्टीट्यूट और भारत बॉयोटेक पर निर्भर थी जिनके जिम्मे देश की 135 करोङ जनसंख्या की वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी थी, जिसके लिए 270 करोङ वैक्सीन को डोजेस की आवश्कता था। वैक्सीन बनाने का लाइसेंस अन्य कम्पनियों को कुछ समय पहले दे दिया गया होता तो आज देश में वैक्सीन की किल्लत ना होती और हजारो लोगो को मरने से बचाया जा सकता था।
                                                      • जब देश टीका उत्सव मना रहा था तब भी केन्द्र सरकार को यह बात पता थी कि देश में वैक्सीन की भारी कमी होने वाली है, उस वक्त यदि देश में विदेशो की वैक्सीन को मंजूरी दे दी जाती और युद्धस्तर पर वैक्सीन खरीदी जाती तो देश में वैक्सीन लगने वाले लोगो की संख्या जो इस वक्त 18 करोङ है वह आराम से कई गुना बढायी जा सकती थी। विदेशी से आयी हुई वैक्सीन को खरीदने का ऑफर जनता के सामने रखा जा सकता था, स्पूतनिक जिसकी एक डोज की कीमत 995 रूपये है, को सक्षम व्यक्ति अस्पताल से खरीद कर लगवा सकते थें व भारत सरकार द्वारा कोविशील्ड व कोवैक्सीन जैसी वैक्सीन को उन लोगो के लिए बचा कर रखना चाहिए था जो कि वैक्सीनेशन का खर्चा नही उठा सकते। गाँव-गाँव जाकर, अभियान चलाकर वैक्सीनेशन कराया जाता और शहरो की सक्षम आबादी के लिए स्पूतनिक, फाइजर या माडर्ना जैसी वैक्सीन को खरीदने का एक ऑप्शन जनता के पास रखा जाता. जो व्यक्ति पैसे देकर वैक्सीन लगवाना चाहता वह पैसे देकर लगवाता व कोविशील्ड और कोवैक्सीन तो सरकार फ्री में सबके लगा ही रही थी। अगर विदेशो से वैक्सीन सही समय पर और अधिक मात्रा में मंगायी गयी होती तो हालात इस वक्त काफी नियंत्रण मे होते.
                                                      • कोरोना की दूसरी लहर से निपटने के लिए केन्द्र सरकार व राज्य सरकारों की तरफ से भी काफी लापरवाहियां की गयी, यदि उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव को कुछ समय के लिए स्थगित कर दिया जाता तो बहुत हद तक यह सम्भव था कि कोरोना गाँवो तक ना पहुँचता और इतनी भीषण तबाही न मचाता. चुनावो में ड्यूटी करने वाले हजारो लोगो की मौते हुई व चुनाव बाद पूरे गाँव के गाँव बीमार चल रहे है। अगर पंचायत चुनावो को कुछ समय के लिए टाल दिया जाता और समय रहते लॉकडाउन लगा दिया जाता तो शायद स्थिति इतनी बदतर न होती जितनी कि आज है।
                                                      • कोरोना फैलने का एक बहुत बङा कारण पाँच राज्यो के विधानसभा के चुनाव थे जिसके चलते बहुत बङी संख्या में लोगो को रैलियों में बुलाया गया, बंगाल में चुनाव बाद तो स्थिति यह है कि हर दूसरा जाँच कराने वाला व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव निकल रहा है। पाँच राज्यो में चुनाव होने की वजह से राज्य व केन्द्र सरकार नें राज्यो के चुनावो पर ज्यादा ध्यान लगाया न कि कोरोना से निपटने पर जिसकी वजह से आज स्थिति इतनी बदतर बनी हुई है। राज्यो में चुनाव व पंचायत चुनाव को ध्यान में रखते हुए समय से लॉकडाउन नही लगाया गया व जरूरी कदम नही उठाये गये जिसका परिणाम आज हर एक व्यक्ति भुगत रहा है।
                                                      • दूसरी लहर के इतना तबाही मचाने की एक बङी वजह सरकार का अति-आत्मविश्वास भी था, कि उन्होने और भारतीयो ने कोरोना का हरा दिया है. स्वयं सरकार के मंत्री बिना मास्क के रैलियां करते नजर आये जिसकी वजह से जनता में यह संदेश गया कि कोरोना वायरस पूरी तरह से खत्म हो चुका है। लोगो नें मास्क लगाने छोङ दिये, जिसका खामियाजा जनता को कोरोना महामारी की दूसरी लहर की त्रासदी से भुगतना पङा।
                                                      • 1918-1920 में स्पेनिश फ्लू की तीन लहरे आयी थी जिनमें से दूसरी लहर काफी खतरनाक थी. केन्द्र सरकार को यह लगा कि कोरोना वायरस पूरी तरह से खत्म हो गया है। जिसकी वजह से केन्द्र सरकार ने वैज्ञानिको और डॉक्टरो की दूसरी लहर के बारें में भविष्यवाणियो को झुठला दिया व कोई ठोस कारगर कदम नही उठाये, वैक्सीन के उत्पादन में भी जोर नही दिया गया तथा विदेशो से वैक्सीन भी नही मंगाई गयी व बङी संख्या में वैक्सीन का निर्यात किया गया। अति आत्मविश्वास की वजह से भारत आज कोरोना महामारी की दूसरी लहर से जूझ रहा है।

                                                      डॉक्टरो का कहना है कि कोरोना वायरस की दूसरी लहर जितनी तेजी से फैली है उतनी ही तेजी से इसमें कमी भी आयेगी. लेकिन डॉक्टरो ने यह भविष्यवाणी भी की है कि कोरोना महामारी की तीसरी लहर आनी तय है जो कि सितम्बर के आसपास आ सकती है जो कि सबसे ज्यादा बच्चो को प्रभावित करेगी। इसीलिए जरूरी है कि आप स्वयं को और अपने बच्चो को सुरक्षित करें और जितनी जल्दी हो सके वैक्सीन की दोनो डोज लें।




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                                                      Wednesday, May 19, 2021

                                                      बिहार का इतिहास, वर्तमान तथा प्रमुख तथ्य- इतना गौरवशाली इतिहास होने के बावजूद आज बिहार इसलिए पिछङा हुआ है-

                                                      बिहार एक ऐसा राज्य है, जहां संस्कृत के रचयिता महर्षि पाणिनी,कामसूत्र व न्यायभाष्य के रचयिता वात्स्यायन, विद्वान कालिदास, भगवान महावीर, खगोलशास्त्री आर्यभट्ट व राजनीतिज्ञ आचार्य चाणक्य जैसे न जाने कितने अकूत बौद्धिक,ओजस्वी विचारधाराओं वाले अमोल रत्नों ने बिहार की पावन धरा पर जन्म लिया है।

                                                      1857 के स्वतन्त्रता संग्राम में अंग्रेजी सेना के सेनापति को सात बार युद्धस्थल पर हरानें वाले 80 वर्षीय चिर युवक "बाबू कुंवर सिंह" की जन्मभूमि रही। चलिये जानते है इस राज्य के बारे कुछ तथ्य-
                                                       

                                                      बिहार राज्य का इतिहास:-


                                                      बिहार राज्य का इतिहास इतना वृहद है कि इसे तीन (प्राचीन, मध्य तथा नवीन) भागों में विभाजित किया है। चलिए बिहार के इतिहास की कुछ झलकियों के बारे में अध्ययन करते है-


                                                      •  बिहार का प्राचीन नाम मगध है,तब इसकी राजधानी पाटलिपुत्र थी।
                                                      • पाटलिपुत्र की स्थापना "उदयिन" ने की थी।
                                                      •   प्राचीन काल में बौद्ध सन्तों द्वारा यहां विहार करने के कारण इसका नाम बिहार पडा़।
                                                      •   गुप्त शासक "कुमार गुप्त" ने विश्व में विख्यात नालन्दा विश्वविद्यालय स्थापित किया ।
                                                      •   सम्राट जरासंध, अशोक, अजातशत्रु, बिम्बसार जैसे महान राजाओं से लेकर स्वतन्त्र भारत के प्रथम राष्ट्रपति डॉ0 राजेन्द्र प्रसाद व सिखों के दसवें श्री गुरु गोविन्द सिंह जी की जन्मभूमि होने का गौरव भी इसी राज्य को है।
                                                      •   भगवान बुद्ध को बोधगया में ही बोधि वृक्ष पीपल के नीचे फाल्गू नदी के तट पर ज्ञान प्राप्त हुआ।
                                                      •   विश्व में जाना माना प्रसिद्ध विश्वविद्यालय नालन्दा भी यहीं स्थित है ।


                                                      •   1 अप्रैल 1912 को बंगाल प्रेसीडेंसी से बिहार व उड़ीसा अलग हो गए थे।
                                                      •   22 मार्च 1936 को बिहार और उड़ीसा अलग प्रांत बन गए।
                                                      •   15 Nov 2000 को झारखण्ड,बिहार से अलग होकर अस्तित्व में आया।

                                                       बिहार के आधारभूत तथ्य:-

                                                      • राज्य का दर्जा:- 22 March 1912
                                                      • राजधानी:- पटना
                                                      • जिले :- 38
                                                      • राज्यपाल :- फागू चौहान 
                                                      • मुख्यमंत्री:- नीतीश कुमार 
                                                      • हाईकोर्ट:- पटना हाइकोर्ट 
                                                      • मुख्य न्यायाधीश:- अमरेश्वर प्रताप साही
                                                      • MLA:- 243
                                                      • Lok Sabha:- 40
                                                      • Rajya Sabha :- 16

                                                      बिहार राज्य के प्रमुख राजकीय चिन्ह


                                                      • राजकीय चिह्न:- बोधि वृक्ष 
                                                      • राज्य पशु :- बैल
                                                      • राज्य पक्षी:- गौरैया 
                                                      • राज्य वृक्ष:- पीपल 
                                                      • राज्य पुष्प:- गेंदा


                                                      बिहार की भौगोलिक स्थिति:- 

                                                      बिहार राज्य का कुल क्षेत्रफल 99200 वर्ग किमी है।जो कि पुर्तगाल व इण्डियाना देश से अधिक है।

                                                      Map of Bihar

                                                       

                                                      बिहार की प्रमुख नदियाँ-

                                                      • गंगा नदी
                                                      •  कोसी नदी
                                                      • बूढी गण्डक
                                                      • पुनपुन
                                                      •  महानंदा
                                                      • सोन 
                                                      • घाघरा 
                                                      • चन्दन

                                                      बिहार का शोक "कोसी नदी" को कहते है।


                                                      जनसंख्या घनत्व:- 

                                                      भारत का सबसे सघन राज्य बिहार है। जहाँ 1102 व्यक्ति/ वर्ग किमी में निवास करते है।
                                                      साक्षरता का स्तर राष्ट्रीय औसत से नीचे है:- 63.82%

                                                      महत्वपूर्ण बांध:- 

                                                      • नकटी बांध
                                                      • खड़गपुर झील बांध
                                                      • श्रीखंडी बांध
                                                      • अजन बांध

                                                      महत्वपूर्ण झीलें:-

                                                      • गोखुर झील
                                                      • कांवर झील
                                                      • कुशेश्वर झील
                                                      • घोघा झील

                                                      बिहार राज्य के सामान्य तथ्य:-

                                                      • बिहार देश की सर्वाधिक जनसंख्या वाला दूसरा राज्य है।
                                                      •  19 june 2002 को पहली जनशताब्दी एक्सप्रेस रेलगाड़ी का शुभारंभ हुआ।
                                                      •   बिहार के प्रथम मुख्यमंत्री डॉ0 श्री कृष्ण सिंह थे।
                                                      • दिल्ली की गद्दी पर बैठने वाला प्रथम बिहारी शासक शेरशाह सूरी था।
                                                      • पहला गणराज्य कहा जाने वाला शहर वैशाली था।


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                                                      1. कतरनी चावल 
                                                      2. जरदालू आम
                                                      3. मगही पान 
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                                                      प्रमुख त्यौहार:-

                                                      • छठ पूजा
                                                      • साम चकेवा
                                                      • बिहूला


                                                      प्रमुख नृत्य:-

                                                      •  शास्त्रीय नृत्य- करमा
                                                      •  लोकनृत्य- छऊ नृत्य, कठघोड़वा नृत्य, झिझिया नृत्य, झरनी नृत्य

                                                                     

                                                      महत्वपूर्ण राष्ट्रीय उद्यान व वन्यजीव अभयारण्य:-

                                                      • कैमूर वन्यजीव अभयारण्य
                                                      • भीमबंध वन्यजीव अभयारण्य
                                                      •  वाल्मीकि राष्ट्रीय उद्यान
                                                      • बरेला झेल सलीम अली पक्षी अभयारण्य

                                                       

                                                      UNESCO 🌍 Heritage sites:-

                                                      1. महाबोधि मंदिर
                                                      2. नालन्दा विश्वविद्यालय


                                                      बिहार के महान व्यक्तित्व:-

                                                       प्राचीन काल:- 

                                                      1. कामसूत्र व न्यायभाष्य के रचयिता- वात्स्यायन

                                                      चतुराधिकं शतमष्टगुणं द्वाषष्टिस्तथा सहस्त्राणाम्।
                                                      अयुतद्वयस्य विष्कम्भस्य आसन्नौ वृत्तपरिणाहः॥


                                                      2- संस्कृत में श्लोक देकर पाई ( π )दशमलव व शून्य बताने वाले अपनी पुस्तक सूर्य सिद्धांत में प्रथ्वी की परिधि 24835 मील का सार्थक अनुमान लगाने वाले- आर्यभट्ट


                                                      3:-अशोक
                                                      4:- गुरु गोविंद सिंह
                                                      5:- आचार्य चाणक्य
                                                      6:- महावीर स्वामी
                                                      7:- शेरशाह सूरी
                                                      8:- समुद्र गुप्त

                                                       साहित्य:-

                                                      1.  नागार्जुन
                                                      2.  फणीश्वरनाथ "रेणु"
                                                      3.  रामधारी सिंह "दिनकर"
                                                      4.  विद्यापति

                                                                      

                                                      संगीत:- 

                                                      1. चित्रगुप्त
                                                      2. बिस्मिल्लाह खान


                                                      राजनीति:-

                                                      1. लोकनायक जयप्रकाश नारायण
                                                      2. कर्पूरी ठाकुर

                                                                    

                                                      बिहार आज अर्श से फर्श पर क्यों है?

                                                      आज बिहार साक्षरता व विकास के मामलों में काफी पिछड़ रहा है, इसका सिलसिला तब से चालू है जब विश्व के कई देशों के छात्र विश्व की दूसरी सबसे प्रतिष्ठित यूनिवर्सिटी नालन्दा में पढने आया करते थे। जिस संस्था को खंडहर में बदल दिया धूर्त निरंकुश मूढ़मति इख्तियारुद्दीन मुहम्मद बिन बख्तियार खिलजी ने।
                                                       
                                                      इतिहासकारों के अनुसार 3 माह तक जलती रही थी नालन्दा विश्वविद्यालय की लाइब्रेरी की किताबें, साथ ही जल गई 9 लाख पांडुलिपियां, तथा 10000 से भी अधिक आचार्यों को मार दिया गया।
                                                       
                                                      • अंग्रेजों ने भारत के ज्ञान को इस कदर दर्शाया कि हम भारतीय खुद ही अपनी शिक्षा प्रणाली में दोष ढूंढने लगे,जो आगे बढ़ना चाहते थे। उनका सम्मान नही किय, समानता व संसाधन से विमुख होता गया, वह बिहार जहां स्वयं भगवान बुद्ध ने ज्ञान प्राप्त किया।
                                                      • राजनैतिक दलों ने भी इसे खूब छला,बिहार में हुए घोटालों से शायद ही कोई अनभिज्ञ होगा। प्रशासनिक व्यवस्था ध्वस्त कर दी गई।
                                                      परिस्थितियां कितनी भी विषम क्यों न रही हो लेकिन, फिर भी यह कहा जा सकता है कि-
                                                      हर वर्ष लोकसेवा आयोग में बिहारी अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाते है। बिहार का एक प्रसिद्ध लोकगीत बिहार व बिहारियों की वास्तविकता कहता है-
                                                      "वीर कुंवर सिंह और शेरशेरशाह बाजी कभी न हारी है।
                                                      बंजर में जो फूल खिला दे सच्चा वही बिहारी है।।"

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                                                      Tuesday, May 18, 2021

                                                      अरुणाचल प्रदेश का इतिहास, वर्तमान तथा प्रमुख तथ्य- यहां घूमने के लिए आपको वीजा चाहिए- पढिए पूरी चीज-

                                                      आइए जानते है, एक ऐसे राज्य के बारे में जहां कहते है कि, भगवान परशुराम प्रायश्चित करने हेतु आये, राजा भीष्मक ने यहां कि सुंदरता के वशीभूत होकर अपना राज्य बसाया तथा भगवान कृष्ण तथा माता रुक्मिणी का विवाह सम्पन्न हुआ। भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण इसके साक्ष्यों से भी अवगत हुए है। अरुणाचल प्रदेश एक प्राचीन पारंपरिक राज्य है।

                                                      अरुणाचल प्रदेश का इतिहास:-

                                                      • सन् 1972 तक इसे पूर्वोत्तर सीमान्त एजेंसी के नाम से जाना जाता है।
                                                      • 20 January, 1972 को अरुणाचल प्रदेश को केन्द्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला।
                                                      • 15 August, 1975 को चयनित विधानसभा का गठन किया गया तथा पहली मन्त्रिपरिषद ने कार्यभार ग्रहण किया।
                                                      • अरुणाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री:- प्रेम खांडु थुंगन
                                                      • अरुणाचल प्रदेश के पहले उप राज्यपाल:- K.A.A Raja
                                                      •   अरुणाचल प्रदेश के पहले राज्यपाल:- भीष्म नरेन सिंह

                                                       

                                                      सन् 1962 के युद्ध में चीन ने अरुणाचल प्रदेश के एक बड़े हिस्से में कब्जा कर लिया था किन्तु सभी भौगोलिक स्थितियां भारत के पक्ष में थी, अत: चीन को वापस जाना पड़ा।

                                                      अरुणाचल प्रदेश के आधारभूत तथ्य:-

                                                      • केन्द्र शासित प्रदेश:- 21 January 1972
                                                      • राज्य का दर्जा:- 20 February 1987
                                                      • राजधानी:- ईंटानगर  
                                                      • जिलों की संख्या:- 16
                                                      • राज्यपाल:- B.D Mishra 
                                                      • मुख्यमंत्री:- पेमा खांडु 
                                                      • हाईकोर्ट:- गुवाहाटी हाईकोर्ट 
                                                      • मुख्य न्यायाधीश:- अजय लांबा
                                                      • M.L.A:- 60
                                                      • Lok Sabha :- 2
                                                      • Rajya Sabha:- 1



                                                      सीमावर्ती राज्य तथा देश:- 

                                                      अरुणाचल प्रदेश,असम तथा नागालैंड के साथ अपनी सीमा साझा करता है, इसके पूर्व में म्यांमार, पश्चिम में भूटान तथा उत्तर में चीन (जो पहले तिब्बत था) है।

                                                      Arunanchal pradesh map in India



                                                      अरुणाचल प्रदेश के राजकीय चिह्न:-


                                                      • राजकीय पशु :- मिथुन
                                                      • राजकीय पक्षी:- हाॅर्नबिल
                                                      • राजकीय पुष्प:- Foxtail Orchid
                                                      • राजकीय वृक्ष :- Hollong


                                                      अरुणाचल प्रदेश की भौगोलिक स्थिति:-

                                                      • पूर्वोत्तर राज्यों में अरुणाचल प्रदेश सबसे बड़ा राज्य है।
                                                      • किबिथू, भारत का सबसे पूर्वी राज्य है,लोहित नदी भारत में यहीं से प्रवेश करती है।
                                                      • इस प्रदेश की अर्थव्यवस्था मुख्यतः झूम खेती पर आधारित है।
                                                      • वर्ष 2011 के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश का जनसंख्या घनत्व 17 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
                                                      • अरुणाचल प्रदेश की साक्षरता प्रतिशत 66.95%.

                                                       अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख बांध:-


                                                      1.  रंगनदी बांध - रंगनदी नदी
                                                      2. इटालिन पन बिजली योजना


                                                      अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख त्यौहार और मेला:-

                                                      • लोसर त्यौहार
                                                      • Ziro festival of music🎶
                                                      • न्योकुम
                                                      • लोकू
                                                      • सियांग नदी त्यौहार


                                                      अरुणाचल प्रदेश की प्रमुख नदियाँ:-

                                                      1. ब्रह्मपुत्र नदी
                                                      2. लोहित नदी 
                                                      3. सुबनसिरी नदी 
                                                      4. दिबांग नदी
                                                      5. नमका चू
                                                      6. सियांग नदी


                                                      अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख दर्रे :-


                                                      1:-बोमडिला दर्रा
                                                      2:- बुमला दर्रा
                                                      3:-दिफू दर्रा
                                                      4:-यांग्याप दर्रा
                                                      5:-सेला दर्रा

                                                      अरुणाचल प्रदेश के सामान्य तथ्य:-

                                                      • अरुणाचल प्रदेश को भारत का "Orchid state of India" तथा "Paradise of Botanist" (वनस्पति विज्ञानियों का स्वर्ग) भी कहा जाता है।
                                                      • अरुणाचल प्रदेश तथा गुजरात में सूर्योदय में 1:30 घन्टे का अन्तराल रहता है।
                                                      • भारत के केवल दो ही राज्य हैं जहां केवल अंग्रेजी आधिकारिक भाषा है- अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड
                                                      •  भारतीय टूरिस्टों को यहां आने के लिए Inner Line permit की जरूरत होती है।
                                                      •  अरुणाचल प्रदेश और असम को 9.15 km लम्बा,ढोला सदिया सेतु जोड़ता है।


                                                      राष्ट्रीय उद्यान व वन्यजीव अभयारण्य :-

                                                      • नामदफा नेशनल पार्क
                                                      • नेहरू वन उद्यान 
                                                      • मोउलिंग नेशनल पार्क 
                                                      • मेहाओ वन्य जीव अभयारण्य


                                                      GI TAGS  :- 

                                                      अरुणाचली सन्तरा

                                                      अरुणाचल प्रदेश के नृत्य:-

                                                      • पोंग नृत्य 
                                                      • बरडो छम
                                                      • लाॅयन एंड पीक
                                                      • वांचो नृत्य


                                                      अरुणाचल प्रदेश की महत्वपूर्ण जगहें:-

                                                      1. Ziro valley : Lower subansiri
                                                      2. sela pass: Charidur
                                                      3. Nuranang falls: Tawang
                                                      4. Gorichen peak: Tawang
                                                      5. Bhismaknagar Fort: Lower Dibang
                                                      6. Golden Pagoda: Namsai


                                                      क्या है भारत और चीन के बीच विवाद:-


                                                      भारत चीन के साथ लगभग 3488 km की सीमा साझा करता है। अरुणाचल प्रदेश के उत्तर में तिब्बत देश था, जिस चीन ने कब्जा कर लिया था।


                                                      सन् 1912 तक तिब्बत व भारत के बीच कोई स्पष्ट सीमा रेखा नहीं थी, क्योकिं दोनों के बीच प्राचीन पारंपरिक ऐतिहासिक रिश्ते रहे है, अत: सीमा रेखा की आवश्यकता भी नहीं हुई।

                                                      • अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत का सबसे बड़ा व प्राचीन बौद्ध मन्दिर है।
                                                      • सन् 1914 में ब्रिटिश इंडिया ने तवांग और दक्षिणी हिस्से को भारत में माना तथा तिब्बतियों ने इसे स्वीकार भी किया, तथा सन् 1935 तक यह पूरा क्षेत्र भारत के मानचित्र में आ गया। चीन जिसने कभी  तिब्बत को अलग देश नही माना था। उसने तिब्बत पर सन्  1950 में पूर्ण कब्जा कर लिया।
                                                      • चीन चाहता था कि तवांग उसका हिस्सा रहे जो कि तिब्बत के बौद्धों के लिए काफी अहम है। चीन अपनी विस्तारवादी नीति के कारण जाना जाता है अत:- सन् 1962 मे युद्ध हुआ चीन ने युद्ध जीत लिया किन्तु सारी मानक भौगोलिक स्थितियां भारत के पक्ष में थी। इसलिए चीन को पुन: वापस जाना पड़ा। जिसके बाद भारत सरकार ने पूरे क्षेेत्र पर अपनी शासन व्यवस्था सुदृढ़ कर ली।

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                                                      Friday, May 7, 2021

                                                      सरकार ये काम कर ले तो कोरोना की दूसरी लहर को रोका जा सकता है-

                                                       कोरोना वायरस की दूसरी लहर में जहॉ स्वास्थ्य व्यवस्थाओ की स्पष्ट कमी देखी जा रही है तो वही इस लहर नें सरकार की तैयारियों की भी पोल खोल दी है। कोरोना वायरस की पहली लहर से कई गुना ज्यादा संक्रामक और घातक यह दूसरी लहर है।

                                                      पहली लहर जहां वृद्ध लोगो को निशाना बना रही थी तो वही दूसरी लहर की चपेट में अधिकतर युवा वर्ग आ रहा है। 

                                                      देश की वर्तमान हालत यह है कि प्रतिदिन 4 लाख से ज्यादा संक्रमित व्यक्तियों की संख्या मिल रही है तो वही तकरीबन 4000 के आसपास लोगो की मृत्यु हो रही है। अस्पतालो में बेड नही है, अधिकतर मौतें ऑक्सीजन की कमी से हो रही है, तो बहुत से लोग चिकित्सा के अभाव में दम तोङ दे रहे है।

                                                       


                                                      विदेशी मीडिया इसके लिए भारत के प्रधानमंत्री को दोषी ठहरा रही है, और भारतीय मीडिया सिस्टम को. तो इसी के मध्य में हम यह जाननें की कोशिश करते है कि वर्तमान हालात की किस प्रकार जल्दी से जल्दी ठीक किया जा सकता है। जिसके लिए सरकार को क्या कदम उठायें जाने चाहिए।

                                                      देश की वर्तमान हालत सुधारने के लिए इन कदमों पर सरकार को विचार करना चाहिए-

                                                      • देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के संक्रमण को रोकने के लिए यह आवश्यक है कि देश में कुछ हफ्तो का लॉकडाउन लगाया जायें, जिससें कि संक्रमण का आंकडा घटे और लोगो को थोङी राहत मिलें.
                                                      • इस वक्त देश में तकरीबन 2 फीसदी लोगो को ही टीके के 2 डोज लगे है जबकि सिर्फ 11 प्रतिशत लोगो को  टीके की 1 डोज लगी है। अगर लोगो को मौत के मुंह से बचाना है तो वैक्सीनेशन प्रक्रिया पर बहुत ज्यादा जोर देना होगा। अमेरिका जैसे देश में अाधी आबादी को वैक्सीन लग चुकी है। ब्रिटेन भी अपनी जनसंख्या के वैक्सीनेशन के बहुत करीब है और इजरायल जैसे देश अपने देश के हर एक नागरिक को वैक्सीन लगा चुके है।
                                                      • भारत जैसे बङे और दूनिया की दूसरी सबसे बङी आबादी वाले देश में टीकाकरण के लिए जरूरी है कि विदेशी वैक्सीनो को भी बङी मात्रा में खरीदा जाये और तेजी से वैक्सीनेशन किया जाया जिसके लिए अमेरिका की फाइजर व माडर्ना वैक्सीन भी एक विकल्प है। रूस की स्पूतनिक वैक्सीन को भारत सरकार नें मंजूरी दे दी है। और भारत की दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन भारत के नागरिको को लग ही रही है.
                                                      • इस वक्त सरकार को चाहिए कि सेंट्रल विस्टा जैसे प्रोजेक्ट को कुछ समय के लिए रोक कर विदेशो सें बङी मात्रा में वैक्सीन खरीदी जाये और स्वास्थ्य सेवाओ को प्रबल किया जायें.
                                                      • कोरोना महामारी से लडने हेतु यह आवश्यक है कि भारत के शीर्ष डॉक्टरो की एक टीम बनायी जायें और वह भारत के सभी डॉक्टरो को निर्देशित करें कि कोरोना का इलाज किस प्रकार किया जाना है।

                                                        वर्तमान में जानकारी के अभाव में डॉक्टर अपने-अपने हिसाब से कोरोना का इलाज करनें में जुटे हुए है, जब शीर्ष से नेतृत्व प्राप्त होगा तो डॉक्टरो पर भी कुछ बोझ कम होगा व ज्यादा से ज्यादा लोग जल्दी ठीक होने लगेगे।

                                                         
                                                      • देश इस वक्त एक युद्ध से गुजर रहा है और हमारा दुश्मन इस वक्त एक वायरस है, इसलिए यह जरूरी है कि सेना को बुलाया जायें, युद्ध के समय सेना अस्थायी अस्पताल बनाती है जहां सैनिको का इलाज होता है। इस समय में लाखों अस्थाई अस्पतालों, बेडो और ऑक्सीजन की जरूरत है। ऑक्सीजन सप्लाई, वैक्सीनेशन में भी सेना की मदद ली जा सकती है क्योकि सेंना अपने अनुशासन, जज्बे और काम को बेहतरीन ढंग से करने के लिए ही जानी जाती है।
                                                      • नेशनल मीडिया, सभी अखबारों और सभी पार्टियों की आईटी सेल को इस वक्त यह चाहिए कि वह यह बतायें कि ऑक्सीजन कहां-कहां मिल रही है कहां-कहां दवाऐ सस्ते दामों पर उपलब्ध है। छोटे-छोटे जिलों में यह काम आईटी सेल बेहतरीन ढंग से कर सकती है लेकिन इसके लिए जरूरी है कि सरकार और पार्टियां अपनी इच्छा दिखाये औऱ उन्हे जानकारी दे कि कहां सारी सुविधाए उपलब्ध है।
                                                      • पुलिस प्रशासन, सीबीआई, इनकम टैक्स और तमाम ऐसे सरकारी संस्थानो को इस बात के पीछे लगाया जाना चाहिए कि कोई व्यक्ति कालाबाजारी न कर पायें, अगर कोई व्यक्ति कालाबाजारी करता हुआ पकङा जाता है तो कङी से कङी सजा तत्काल दी जायें व नकली दवाओ आदि की ब्रिकी पर नकेल के लिए पुलिस प्रशासन, नारकोटिक्स विभाग जैसे सभी सक्षम व्यक्तियों को युद्धस्तर पर इसके पीछे लगाया जाना चाहिए. ताकि देशवासियों की जान बच सकें.
                                                      • देश में कुछ समय के बाद डॉक्टर लोगो की कमी देखने को मिल सकती है क्योकि डॉक्टर बिना थके लगातार काम कर रहे है, और अपने सामनें बहुत से लोगो को मरने हुए देख रहे है जिसके कारण उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पङ सकता है। इसलिए जरूरी है डॉक्टर को अलग से सुविधाऐ प्रदान की जाये और यदि कोई व्यक्ति सेवा करते हुए मरता है तो उसके परिवार को आर्थिक सहायता, उनके बच्चे को मुफ्त शिक्षा व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए. ताकि डॉक्टर्स यह न सोच सकें कि उनकी मृत्यु के बाद उनके घर वालो का क्या होगा?

                                                      वर्तमान समय में जब हालात हमारे अनुकूल नही है तो हमारा कर्तव्य है कि हम अच्छे समय का इंतजार करें और जितनी हो सके उतनी लोगो की मदद करनें की कोशिश करें और सकारात्मकता का प्रसार करें। 

                                                      दोस्तो 100 साल पहलें भी ऐसी ही महामारी आयी थी जिसनें विश्व और भारत भर में दहशत फैला कर रख दी थी जिसके चलते विश्व भर में 5 करोङ से ज्यादा मौते हुई थी और भारत में 1 करोङ से ज्यादा मौते हुई थी अगर आप स्पैनिश फ्लू के बारें में विस्तार सें पढना चाहते है तो नीचे दिये गये लिंक से पढ सकते है-

                                                      स्पेनिश फ्लू के बारे में सम्पूर्ण जानकारी

                                                      RRB NTPC Railway previous year Questions 28/12/2020 First Shift and Second Shift

                                                        RRB NTPC Railway previous year Questions 28/12/2020 First Shift and Second Shift   ·         खालसा पंथ की स्थापना गुरू गोविंद सिंह जी...