Friday, May 7, 2021

सरकार ये काम कर ले तो कोरोना की दूसरी लहर को रोका जा सकता है-

 कोरोना वायरस की दूसरी लहर में जहॉ स्वास्थ्य व्यवस्थाओ की स्पष्ट कमी देखी जा रही है तो वही इस लहर नें सरकार की तैयारियों की भी पोल खोल दी है। कोरोना वायरस की पहली लहर से कई गुना ज्यादा संक्रामक और घातक यह दूसरी लहर है।

पहली लहर जहां वृद्ध लोगो को निशाना बना रही थी तो वही दूसरी लहर की चपेट में अधिकतर युवा वर्ग आ रहा है। 

देश की वर्तमान हालत यह है कि प्रतिदिन 4 लाख से ज्यादा संक्रमित व्यक्तियों की संख्या मिल रही है तो वही तकरीबन 4000 के आसपास लोगो की मृत्यु हो रही है। अस्पतालो में बेड नही है, अधिकतर मौतें ऑक्सीजन की कमी से हो रही है, तो बहुत से लोग चिकित्सा के अभाव में दम तोङ दे रहे है।

 


विदेशी मीडिया इसके लिए भारत के प्रधानमंत्री को दोषी ठहरा रही है, और भारतीय मीडिया सिस्टम को. तो इसी के मध्य में हम यह जाननें की कोशिश करते है कि वर्तमान हालात की किस प्रकार जल्दी से जल्दी ठीक किया जा सकता है। जिसके लिए सरकार को क्या कदम उठायें जाने चाहिए।

देश की वर्तमान हालत सुधारने के लिए इन कदमों पर सरकार को विचार करना चाहिए-

  • देश में कोरोना वायरस की दूसरी लहर के संक्रमण को रोकने के लिए यह आवश्यक है कि देश में कुछ हफ्तो का लॉकडाउन लगाया जायें, जिससें कि संक्रमण का आंकडा घटे और लोगो को थोङी राहत मिलें.
  • इस वक्त देश में तकरीबन 2 फीसदी लोगो को ही टीके के 2 डोज लगे है जबकि सिर्फ 11 प्रतिशत लोगो को  टीके की 1 डोज लगी है। अगर लोगो को मौत के मुंह से बचाना है तो वैक्सीनेशन प्रक्रिया पर बहुत ज्यादा जोर देना होगा। अमेरिका जैसे देश में अाधी आबादी को वैक्सीन लग चुकी है। ब्रिटेन भी अपनी जनसंख्या के वैक्सीनेशन के बहुत करीब है और इजरायल जैसे देश अपने देश के हर एक नागरिक को वैक्सीन लगा चुके है।
  • भारत जैसे बङे और दूनिया की दूसरी सबसे बङी आबादी वाले देश में टीकाकरण के लिए जरूरी है कि विदेशी वैक्सीनो को भी बङी मात्रा में खरीदा जाये और तेजी से वैक्सीनेशन किया जाया जिसके लिए अमेरिका की फाइजर व माडर्ना वैक्सीन भी एक विकल्प है। रूस की स्पूतनिक वैक्सीन को भारत सरकार नें मंजूरी दे दी है। और भारत की दो वैक्सीन कोविशील्ड और कोवैक्सीन भारत के नागरिको को लग ही रही है.
  • इस वक्त सरकार को चाहिए कि सेंट्रल विस्टा जैसे प्रोजेक्ट को कुछ समय के लिए रोक कर विदेशो सें बङी मात्रा में वैक्सीन खरीदी जाये और स्वास्थ्य सेवाओ को प्रबल किया जायें.
  • कोरोना महामारी से लडने हेतु यह आवश्यक है कि भारत के शीर्ष डॉक्टरो की एक टीम बनायी जायें और वह भारत के सभी डॉक्टरो को निर्देशित करें कि कोरोना का इलाज किस प्रकार किया जाना है।

    वर्तमान में जानकारी के अभाव में डॉक्टर अपने-अपने हिसाब से कोरोना का इलाज करनें में जुटे हुए है, जब शीर्ष से नेतृत्व प्राप्त होगा तो डॉक्टरो पर भी कुछ बोझ कम होगा व ज्यादा से ज्यादा लोग जल्दी ठीक होने लगेगे।

     
  • देश इस वक्त एक युद्ध से गुजर रहा है और हमारा दुश्मन इस वक्त एक वायरस है, इसलिए यह जरूरी है कि सेना को बुलाया जायें, युद्ध के समय सेना अस्थायी अस्पताल बनाती है जहां सैनिको का इलाज होता है। इस समय में लाखों अस्थाई अस्पतालों, बेडो और ऑक्सीजन की जरूरत है। ऑक्सीजन सप्लाई, वैक्सीनेशन में भी सेना की मदद ली जा सकती है क्योकि सेंना अपने अनुशासन, जज्बे और काम को बेहतरीन ढंग से करने के लिए ही जानी जाती है।
  • नेशनल मीडिया, सभी अखबारों और सभी पार्टियों की आईटी सेल को इस वक्त यह चाहिए कि वह यह बतायें कि ऑक्सीजन कहां-कहां मिल रही है कहां-कहां दवाऐ सस्ते दामों पर उपलब्ध है। छोटे-छोटे जिलों में यह काम आईटी सेल बेहतरीन ढंग से कर सकती है लेकिन इसके लिए जरूरी है कि सरकार और पार्टियां अपनी इच्छा दिखाये औऱ उन्हे जानकारी दे कि कहां सारी सुविधाए उपलब्ध है।
  • पुलिस प्रशासन, सीबीआई, इनकम टैक्स और तमाम ऐसे सरकारी संस्थानो को इस बात के पीछे लगाया जाना चाहिए कि कोई व्यक्ति कालाबाजारी न कर पायें, अगर कोई व्यक्ति कालाबाजारी करता हुआ पकङा जाता है तो कङी से कङी सजा तत्काल दी जायें व नकली दवाओ आदि की ब्रिकी पर नकेल के लिए पुलिस प्रशासन, नारकोटिक्स विभाग जैसे सभी सक्षम व्यक्तियों को युद्धस्तर पर इसके पीछे लगाया जाना चाहिए. ताकि देशवासियों की जान बच सकें.
  • देश में कुछ समय के बाद डॉक्टर लोगो की कमी देखने को मिल सकती है क्योकि डॉक्टर बिना थके लगातार काम कर रहे है, और अपने सामनें बहुत से लोगो को मरने हुए देख रहे है जिसके कारण उनके मानसिक स्वास्थ्य पर बहुत बुरा असर पङ सकता है। इसलिए जरूरी है डॉक्टर को अलग से सुविधाऐ प्रदान की जाये और यदि कोई व्यक्ति सेवा करते हुए मरता है तो उसके परिवार को आर्थिक सहायता, उनके बच्चे को मुफ्त शिक्षा व परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी दी जानी चाहिए. ताकि डॉक्टर्स यह न सोच सकें कि उनकी मृत्यु के बाद उनके घर वालो का क्या होगा?

वर्तमान समय में जब हालात हमारे अनुकूल नही है तो हमारा कर्तव्य है कि हम अच्छे समय का इंतजार करें और जितनी हो सके उतनी लोगो की मदद करनें की कोशिश करें और सकारात्मकता का प्रसार करें। 

दोस्तो 100 साल पहलें भी ऐसी ही महामारी आयी थी जिसनें विश्व और भारत भर में दहशत फैला कर रख दी थी जिसके चलते विश्व भर में 5 करोङ से ज्यादा मौते हुई थी और भारत में 1 करोङ से ज्यादा मौते हुई थी अगर आप स्पैनिश फ्लू के बारें में विस्तार सें पढना चाहते है तो नीचे दिये गये लिंक से पढ सकते है-

स्पेनिश फ्लू के बारे में सम्पूर्ण जानकारी

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