मनुष्य की प्रवृत्ति होती है कि वह एक–दूसरे से आगे निकलना चाहता है, अपने सामने वाले से ज्यादा बेहतर करना चाहता है। तो कुछ लोगो में यह प्रवृत्ति भी होती है कि वें कमजोर वर्ग पर शासन करना चाहते है।
मानव सभ्यता के विकास के साथ ही मनुष्य़ में शासन करनें की प्रवृत्ति का जन्म हुआ. जो सक्षम थे, मजबूत थें. उन्होने बाकियों पर शासन किया।
समय के साथ यह सवाल उठता है कि ऐसी कौन सी चीजें थी जो उन्हे मजबूत बनाती थी और बाकियों को कमजोर, या किन सिद्धांतो के बल पर उन्होने बाकियों पर शासन किया।
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तो आइये समझने का प्रयास करतें है कि किन नियमों के बल पर ताकतवर व्यक्ति, ताकत को हासिल करता है। यहां हम ऐसे पांच नियमों के बारें में जाननें जा रहे है-
1. अपने बॉस सें कम काबिल दिखाना:-
ऐसे लोग जो दूसरों से ज्यादा ताकतवर बननें का हुनर रखते है वे इस बात पर विशेष ध्यान देते है कि कहीं उनके मास्टर के सामनें उनकी चमक ज्यादा तो नही हो रही।
ऐसा करनें का मुख्य कारण यह है कि ऐसे में मास्टर बुरा मान सकता है और आपसें ज्यादा ताकतवर होने के नाते वह आपको हानि पहुंचा सकता है या आपका कैरियर बिलकुल खत्म कर सकता है।
असुरक्षा का भाव पैदा होने पर वह मास्टर आपको खतरें के रूप में लेने लगेगा और आपको एक प्रतिद्वंदी के रूप में देखेगा।
फ्रांस के राजा लुईस 14, जो कि एक घमंडी व्यक्ति था और हर वक्त स्वयं को ही आकर्षण के केन्द्र में पाना चाहता था। लुईस 14 जब राजा बना तब उसका एक वित्तमंत्री था जो कि उनके पिता के राज-काज में सारा काम देखता रहता था।
नये राजा कि नियुक्ति के उपलक्ष्य में वित्तमंत्री नें सभी विभाग के अध्यक्षो और शक्तिशाली लोगो को बुलाया और राजा को आमंत्रित किया।
वह स्वागत पार्टी, जो नये राजा के राज्य संभालनें के उपलक्ष्य में की गयी थी, इतनी शानदार थी कि लोग तारीफ करतें नही थक रहे थें। वहां मौजूद लोगो नें व वहां के मौजूदा राजा लुईस 14 नें कभी भी इतनी बेहतरीन पार्टी नही देखी थी।
रात में जैसी ही पार्टी खत्म हुई, राजा नें अपने वित्तमंत्री को बंदी बनाने का आदेश दे दिया और उसे जेल में डाल दिया और एक नया वित्तमंत्री नियुक्त किया।
पुराने वित्तमंत्री पर राज्य की संपदा को मनमाने ढंग से खर्च करनें और फिजूलखर्ची का आरोप लगा कर जेल के अन्दर डाल दिया गया।
बाद में यह बात सामनें आयी कि राजा वित्तमंत्री की शानदार पार्टी देखकर हैरान था, वहां मौजूद सारे लोग राजा से ज्यादा वित्तमंत्री को अहमियत दे रहे थे जिसकी वजह सें राजा बहुत नाखुश हुआ और उसे असुरक्षा का भाव महसूस हुआ, वह अपनें वित्तमंत्री को प्रतिद्वदी के रूप में देखने लगा तथा उसको जेल मे डलवा दिया।
2. अपने इरादे छिपाकर रखना:-
समाज में ताकतवर लोग इस नियम का पालन बहुत ही ज्यादा करते है, वे अपने इरादो को कभी जाहिर नही होने देते और हमेंशा छुपाकर रखते है। इसका सबसे बङा उदाहरण वर्तमान राजनीतिक परिपेक्ष्य है। कब कौन नेता, किस तरफ करवट ले ले, इसके पीछे के इरादो को वे हमेशा छिपाकर रखते है।
ताकतवर लोग अपनें विचारो को छिपाने के साथ-साथ कम बोलने पर भी यकीन करते है, वे तभी बोलते है जब बोलना जरूरी होता है। कम बोलने का वजह से उनकी बात की अहमियत होती है और लोग उनके विचारो को ज्यादा जान नही पाते।
विचारो को न जानने के कारण वह उन व्यक्तियों के खिलाफ कोई भी षडयंत्र नही रच पाते या किसी भी प्रकार का डिफेंस नही तैयार कर पातें है।
- · भारतीय NSA अजीत डोभाल जी पाकिस्तान में बहुत साल रहकर आये और उनसे पूरी तरह से घुल-मिल गये लेकिन कभी उन्होने पाकिस्तानियो को इस बात का शक नही होने दिया कि उनके इरादे क्या है. ऐसा ही बहुत सारे ताकतवर लोग करते है।
- · थॉमस अल्वा एडीसन ने टेस्ला को एक जनरेटर बनाने के लिए कहा था और साथ ही कहा था कि उसको बनाने के साथ-ही टेस्ला को बङी मात्रा में पैसे दिये जायेगे। टेस्ला ने जनरेटर बना दिया जिसे एडीसन ने स्वयं की खोज के रूप मे दर्शाया और टेस्ला को बहुत ही कीमत दी।
3. आत्मविश्वास के साथ सारे काम करना:-
समाज के ताकतवर लोग हर एक काम को पूरी लगन व आत्मविश्वास के साथ करते है जिनकी वजह से लगभग उनका सफल होने का प्रतिशत बाकी व्यक्तियो से कहीं ज्यादा होता है।
समाज के ताकतवर लोग कोई कार्य तभी शुरू करते है जब वे उससे सम्बन्धित सारी जानकारी इकठ्ठी कर लेते है जिसके पश्चात वे सारी रूपरेखा तैयार करते है और काम को अंजाम देते है। पूरी रूपरेखा होने के कारण उनका आत्मविश्वास हमेशा बहुत ही ज्यादा होता है।
एक बार फ्रांस सरकार की तरफ से व्यापारियों को एफिल टॉवर को बेचने के लिए बोली लगाने के लिए आमंत्रित किया गया, वजह यह दी गयी कि एफिल टॉवर के रख-रखाव में बहुत ही ज्यादा खर्च आ रहा है जो कि फ्रांस की सरकार झेलना नही चाहिए। जिसके लिए वह एफिल टॉवर को प्राइवेट कंपनी को बेचना चाहती है।
सबसे ज्यादा बोली लगाने के साथ ही, एफिल टॉवर प्राइवेट कंपनी को बेच दिया गया।
कुछ ही दिनो बाद यह सार्वजनिक हुआ कि फ्रांस सरकार ने कभी भी एफिल टॉवर को नही बेचा था, और एफिल टॉवर को बेचने वाले लोग ठग थें जिन्होने प्राइवेट कंपनी के साथ ठगी की थी।
अब एफिल टॉवर को बेचने जैसा असंभव काम संभव कैसे हो सका. इसकी वजह थी ठगो का आत्मविश्वास. उन्होने लोगो को इस हद तक यकीन दिला दिया कि वे सरकारी कर्मचारी है और सरकार की तरफ से ही आये है कि किसी को शक भी न हुआ।
4. खुद को दोबारा तैयार करना:-
शक्तिशाली वर्ग, अन्य लोगो की तुलना में खुद को तैयार करने में बहुत ही ज्यादा माहिर होता है। ऐसे में उनको यह पता होता है कि वह कहॉ पर गलती कर रहे है और उन्हे कहॉ पर सुधार की जरूरत है।
इसके लिए भले ही वह समय ले, लेकिन वह स्वयं को दोबारा तैयार करते है और पुन: प्रयास करते है, और अक्सर सफल भी होते है।
इसे ही कभी हार न मानने वाला जज्बा, या Never Give Up Attitude कहते है।
· मुहम्मद गोरी ने जब भारत पर, पृथ्वीराज चौहान के खिलाफ पहली बार आक्रमण किया तो उसे बहुत ही बुरी हार झेलनी पङी और उसे मैदान छोङना पङा। 1191 में तराइन के प्रथम युद्ध में हारने के बाद वह वापस गया और एक साल तक स्वयं को जीत के लिए तैयार किया। 1192 में जब उसने दूसरी बार आक्रमण किया तो पृथ्वीराज चौहान को हरा कर दिल्ली की राजगद्दी पर स्वयं बैठ गया। उसके जीतने की दो प्रमुख वजहे Never Give Up Attitude और खुद को दोबारा तैयार करने का जज्बा था।
5. आत्मसमर्पण करना और कमजोरी को ताकत में बदलना:-
ताकतवर लोगो की एक निशानी यह होती है कि वह कभी-भी अपने से ताकतवर व्यक्ति के खिलाफ नही जाते, और खिलाफ जाने की स्थिति में स्वयं को कमजोर पाकर आत्मसमर्पण कर देना ही उचित समझते है।
आत्मसमर्पण करने के बाद वह बाकी सारा समय स्वयं को मजबूत बनाने में व्यतीत करते है और अपने प्रतियोगी के बराबर या उससे ज्यादा ताकतवर होने की स्थिति में ही, प्रतियोगी के खिलाफ जाते है।
ताकतवर लोग जानते है कि कमजोर होने की स्थिति में अगर अपने से ताकतवर प्रतियोगी के खिलाफ लङा जायेगा तो वह बहुत ही आसानी से हरा देगा। इसलिए यहीं बेहतर है कि खुद को मजबूत बनानें में समय व्यतीत किया जायें और कमजोरी को ताकत मे बदलने के पश्चात ही प्रतियोगी के खिलाफ खुलकर आने में ही भलाई है।
· ऊपर दिये गये मुहम्मद गोरी के उदाहरण में आप देख सकते है कि कमजोर होने की स्थिति में गोरी ने मैदान छोङना उचित समझा और अपनी कमजोरी को ताकत में बदलकर दोबारा आक्रमण किया और विजयी हुआ। अगर वह वापस नही हटता तो मारा जाता और फिर कभी दिल्ली की गद्दी पर नही बैठ पाता।
· छत्रपति शिवाजी के महल को जब मुगल सेना ने चारो तरफ से घेर लिया था तो उन्होने भी पुरन्दर की संधि करके अपने कुछ किलों को मुगलो को सौंप दिया था। बाद में कुछ किलें वापस भी ले लिये गये थें. शिवाजी महाराज नें भी उस समय को खुद की कमजोरी को ताकत में बदलने के लिए प्रयास किया।
सफल और ताकतवर व्यक्तियो में थोङा से अन्तर होने के कारण यहां पर ताकतवर शब्द का उपयोग जानबूझकर किया गया है क्योकि कुछ नियम या उदाहरण आपको अनैतिक लग सकते है।
सफल व्यक्ति को अक्सर बहुत ही सकारात्मक दृष्टिकोण से देखा जाता है जबकि ताकतवर व्यक्ति अनैतिक भी हो सकता है।
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