आइए जानते है, एक ऐसे राज्य के बारे में जहां कहते है कि, भगवान परशुराम प्रायश्चित करने हेतु आये, राजा भीष्मक ने यहां कि सुंदरता के वशीभूत होकर अपना राज्य बसाया तथा भगवान कृष्ण तथा माता रुक्मिणी का विवाह सम्पन्न हुआ। भारतीय पुरातात्विक सर्वेक्षण इसके साक्ष्यों से भी अवगत हुए है। अरुणाचल प्रदेश एक प्राचीन पारंपरिक राज्य है।
अरुणाचल प्रदेश का इतिहास:-
- सन् 1972 तक इसे पूर्वोत्तर सीमान्त एजेंसी के नाम से जाना जाता है।
- 20 January, 1972 को अरुणाचल प्रदेश को केन्द्र शासित प्रदेश का दर्जा मिला।
- 15 August, 1975 को चयनित विधानसभा का गठन किया गया तथा पहली मन्त्रिपरिषद ने कार्यभार ग्रहण किया।
- अरुणाचल प्रदेश के पहले मुख्यमंत्री:- प्रेम खांडु थुंगन
- अरुणाचल प्रदेश के पहले उप राज्यपाल:- K.A.A Raja
- अरुणाचल प्रदेश के पहले राज्यपाल:- भीष्म नरेन सिंह
सन् 1962 के युद्ध में चीन ने अरुणाचल प्रदेश के एक बड़े हिस्से में कब्जा कर लिया था किन्तु सभी भौगोलिक स्थितियां भारत के पक्ष में थी, अत: चीन को वापस जाना पड़ा।
अरुणाचल प्रदेश के आधारभूत तथ्य:-
- केन्द्र शासित प्रदेश:- 21 January 1972
- राज्य का दर्जा:- 20 February 1987
- राजधानी:- ईंटानगर
- जिलों की संख्या:- 16
- राज्यपाल:- B.D Mishra
- मुख्यमंत्री:- पेमा खांडु
- हाईकोर्ट:- गुवाहाटी हाईकोर्ट
- मुख्य न्यायाधीश:- अजय लांबा
- M.L.A:- 60
- Lok Sabha :- 2
- Rajya Sabha:- 1
सीमावर्ती राज्य तथा देश:-
अरुणाचल प्रदेश,असम तथा नागालैंड के साथ अपनी सीमा साझा करता है, इसके पूर्व में म्यांमार, पश्चिम में भूटान तथा उत्तर में चीन (जो पहले तिब्बत था) है।
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Arunanchal pradesh map in India |
अरुणाचल प्रदेश के राजकीय चिह्न:-
- राजकीय पशु :- मिथुन
- राजकीय पक्षी:- हाॅर्नबिल
- राजकीय पुष्प:- Foxtail Orchid
- राजकीय वृक्ष :- Hollong
अरुणाचल प्रदेश की भौगोलिक स्थिति:-
- पूर्वोत्तर राज्यों में अरुणाचल प्रदेश सबसे बड़ा राज्य है।
- किबिथू, भारत का सबसे पूर्वी राज्य है,लोहित नदी भारत में यहीं से प्रवेश करती है।
- इस प्रदेश की अर्थव्यवस्था मुख्यतः झूम खेती पर आधारित है।
- वर्ष 2011 के अनुसार, अरुणाचल प्रदेश का जनसंख्या घनत्व 17 व्यक्ति प्रति वर्ग किलोमीटर है।
- अरुणाचल प्रदेश की साक्षरता प्रतिशत 66.95%.
अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख बांध:-
- रंगनदी बांध - रंगनदी नदी
- इटालिन पन बिजली योजना
अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख त्यौहार और मेला:-
- लोसर त्यौहार
- Ziro festival of music🎶
- न्योकुम
- लोकू
- सियांग नदी त्यौहार
अरुणाचल प्रदेश की प्रमुख नदियाँ:-
- ब्रह्मपुत्र नदी
- लोहित नदी
- सुबनसिरी नदी
- दिबांग नदी
- नमका चू
- सियांग नदी
अरुणाचल प्रदेश के प्रमुख दर्रे :-
1:-बोमडिला दर्रा
2:- बुमला दर्रा
3:-दिफू दर्रा
4:-यांग्याप दर्रा
5:-सेला दर्रा
अरुणाचल प्रदेश के सामान्य तथ्य:-
- अरुणाचल प्रदेश को भारत का "Orchid state of India" तथा "Paradise of Botanist" (वनस्पति विज्ञानियों का स्वर्ग) भी कहा जाता है।
- अरुणाचल प्रदेश तथा गुजरात में सूर्योदय में 1:30 घन्टे का अन्तराल रहता है।
- भारत के केवल दो ही राज्य हैं जहां केवल अंग्रेजी आधिकारिक भाषा है- अरुणाचल प्रदेश और नागालैंड
- भारतीय टूरिस्टों को यहां आने के लिए Inner Line permit की जरूरत होती है।
- अरुणाचल प्रदेश और असम को 9.15 km लम्बा,ढोला सदिया सेतु जोड़ता है।
राष्ट्रीय उद्यान व वन्यजीव अभयारण्य :-
- नामदफा नेशनल पार्क
- नेहरू वन उद्यान
- मोउलिंग नेशनल पार्क
- मेहाओ वन्य जीव अभयारण्य
GI TAGS :-
अरुणाचली सन्तरा
अरुणाचल प्रदेश के नृत्य:-
- पोंग नृत्य
- बरडो छम
- लाॅयन एंड पीक
- वांचो नृत्य
अरुणाचल प्रदेश की महत्वपूर्ण जगहें:-
- Ziro valley : Lower subansiri
- sela pass: Charidur
- Nuranang falls: Tawang
- Gorichen peak: Tawang
- Bhismaknagar Fort: Lower Dibang
- Golden Pagoda: Namsai
क्या है भारत और चीन के बीच विवाद:-
भारत चीन के साथ लगभग 3488 km की सीमा साझा करता है। अरुणाचल प्रदेश के उत्तर में तिब्बत देश था, जिस चीन ने कब्जा कर लिया था।
सन् 1912 तक तिब्बत व भारत के बीच कोई स्पष्ट सीमा रेखा नहीं थी, क्योकिं दोनों के बीच प्राचीन पारंपरिक ऐतिहासिक रिश्ते रहे है, अत: सीमा रेखा की आवश्यकता भी नहीं हुई।
- अरुणाचल प्रदेश के तवांग में भारत का सबसे बड़ा व प्राचीन बौद्ध मन्दिर है।
- सन् 1914 में ब्रिटिश इंडिया ने तवांग और दक्षिणी हिस्से को भारत में माना तथा तिब्बतियों ने इसे स्वीकार भी किया, तथा सन् 1935 तक यह पूरा क्षेत्र भारत के मानचित्र में आ गया। चीन जिसने कभी तिब्बत को अलग देश नही माना था। उसने तिब्बत पर सन् 1950 में पूर्ण कब्जा कर लिया।
- चीन चाहता था कि तवांग उसका हिस्सा रहे जो कि तिब्बत के बौद्धों के लिए काफी अहम है। चीन अपनी विस्तारवादी नीति के कारण जाना जाता है अत:- सन् 1962 मे युद्ध हुआ चीन ने युद्ध जीत लिया किन्तु सारी मानक भौगोलिक स्थितियां भारत के पक्ष में थी। इसलिए चीन को पुन: वापस जाना पड़ा। जिसके बाद भारत सरकार ने पूरे क्षेेत्र पर अपनी शासन व्यवस्था सुदृढ़ कर ली।
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