ज्ञान की खोज में निकलने पर आप पाते है कि सब कुछ आप अर्जित नही कर सकते, ऐसी स्थिति में जरूरत पङती है एक गुरू की।
गुरू मिलने की स्थिति में आप आश्वस्त हो जाते है कि जो गुरू कह रहा है वही सच है क्योकि आप जो सीख रहे है वो चीज वह व्यक्ति कई वर्षो से सीख रहा है, तब आप ऐसी स्थिति में उस गुरू पर आँख बंद करके भी भरोसा कर सकते है। उसकी विद्वता पर भरोसा कर सकते है, इसके पीछे की वजह यह है कि आप जिस भी क्षेत्र से सम्बंधित जानकारी प्राप्त करना चाहते है गुरू वह जानकारी काफी पहले से और काफी अन्य स्त्रोतो से जानकारी प्राप्त कर चुका होता है।
वर्तमान में क्या हो रहा है. कि आपके पास एक व्हाट्सएप फार्वर्ड आता है, आपको नही पता कि उसको किसने लिखा है और लिखने का मकसद क्या है। लेकिन आप थोङा बहुत भरोसा कर लेते है। धीरे-धीरे ऐसे ही अनेको मैसेज मिलने लगते है और आप उस ही चीज को सच मान लेते है। ऐसे अधिकतर मैसेज ग्रुप्स के माध्यम से वायरल किये जाते है जिसके पश्चात लोग उनसे प्रभावित होकर एक दूसरे की धीरे-धीरे फार्वर्ड करना शुरू कर देते है।
आपको नही पता कि उसको किसने लिखा है कितनी सच्चाई है उसमें परन्तु आप उसपर भरोसा करने लग जाते है।
कुछ लोग जो इस तरह के मैसेज से ज्यादा ही प्रभावित होते है वह इनको फेसबुक पर डाल कर और अधिक तेजी से वायरल करते है। एक रिसर्च में यह बात सामने आयी है कि फेक न्यूज, सामान्य न्यूज से 6 गुना अधिक तेजी से फैलती है। फेक न्यूज कौन फैलाता है और फेक न्यूज कैसे वायरल होती है यह सब मै आप पर छोङ रहा हूँ आप थोङा रिसर्च करिये कि आपके पास ऐसे मैसेज कहां से आते है और उनको आपके पास कौन भेजता है और भेजने वाले का मकसद क्या होता है?
फेक न्यूज की समस्या से बङी-बङी कम्पनियॉ और बङे-बङे देश तक परेशान है जिसकी वजह से फैक्ट चेक करने वाली वेबसाइट्स अस्तित्व में आयी है व अन्य प्लेटफार्म्स ने भी फेक न्यूज से निपटने के लिए तरह-तरह की फीचर्स लांच किये है।
फेक न्यूज वायरल होने के पीछे के कारण यह होते है कि फेक न्यूज आपकी भावनाओ और आपके दिमाग को बहुत अधिक प्रभावित करती है जिसकी वजह से लोग उसको अधिक से अधिक मात्रा में आगे पहुचाते है जबकि एक सच्ची खबर इतनी ज्यादा सनसनीखेज नही होती। इसीलिए आपने यह भी देखा होगा कि बहुत सी वेबसाइट्स और छोटे मोटे न्यूज चैनल्स फेक न्यूज फैलाने का काम करते है जिससे उनको ज्यादा रीच मिलती है और ज्यादा रिवेन्यू जनरेट होता है।
फेक न्यूज फैलाने के राजनीतिक कारण भी हो सकते है जिसमें एकमात्र उद्देश्य आपको प्रभावित करना होता है और आपको अपने पक्ष में लाना होता है। अन्तिम उद्देश्य आपका वोट ही होता है जिसके लिए विभिन्न प्रकार से आपको प्रभावित किया जाता है।
सोशल मीडिया वोटर्स को किस प्रकार प्रभावित करती है और कैसे उनके दिमाग को अपने से कंट्रोल करती है अगर आप यह समझना चाहते है तो Netflix की डाक्यूमेंट्री The Social Dilemma जरूर देखें।
फेक न्यूज के जंजाल से कैसे बचे?
Fake News से निपटने का वैसे तो कोई कारगर तरीका नही है क्योकि वर्तमान समय में सबसे बङी समस्याओ में से एक समस्या सही जानकारी न मिल पाना होता है। आपको भिन्न-भिन्न प्रकार की जानकारी भिन्न-भिन्न स्त्रोतो से प्राप्त होती है जिससे भ्रम की स्थिति पैदा हो जाती है।
ऐसे स्थिति में व्यक्ति वही सच मान लेता है जो उसको ज्यादा बार पढने को मिलता है। एक ही झूठ को अगर कई बार आपके सामने सच के जैसे प्रस्तुत किया जाये तो वह कुछ समय पश्चात सच जैसा ही प्रतीत होने लगता है। ऐसी परिस्थितियो से निपटने के लिए हमारी कोशिश रहती है कि हम आपको बिलकुल सटीक जानकारी दे और उसके बाद आप स्वयं किसी निर्णय पर पहुँच सकें, आपके ऊपर किसी भी प्रकार का निर्णय थोपा न जाये और सच ही बताया जाये यही हमारी कोशिश है।
Fake News से बचने के लिए आप निम्न तरीको को अपना सकते है-
- Fake News अधिकतर देखा गया है कि WhatsApp के ग्रुपो के माध्यम से फैलायी जाती है, एक ग्रुप में बहुत सारे लोग होते है जिसके बाद उनको अन्य ग्रुप में फार्वर्ड किया जाना बहुत ही ज्यादा आसान होता है। ऐसे में आपका दायित्व यह है कि ऐसी खबरो को फार्वर्ड करने से बचे जो ज्यादा ही सनसनीखेज हो और जिन पर आपको थोङा भी संशय हो। फेक न्यूज की समस्या से बचने के लिए WhatsApp ने फार्वर्ड फीचर में फार्वर्ड अब सिर्फ कुछ व्यक्तियो तक ही सीमित कर दिया है, मतलब कि अब आप चंद लोगो से ज्यादा लोगो को फार्वर्ड नही कर सकते।
- जब चुनाव नजदीक होते है तब सैकङो झूठे मैसेज को फार्रवर्ड किया जायेगा, इस वक्त आपकी जिम्मेदारी यह बन जाती है कि आप लिखने वाले व्यक्ति को प्रोफाइल को चेक करें, राजनीति से प्रेरित और राजनीतिक पृष्ठभूमि वाला व्यक्ति अगर ज्यादा ज्ञान किसी ऐसी चीज पर दे रहा है जिसमें उसका व्यक्तिगत लाभ है तो उसको शेयर करने से बचें। व्हाट्सएप की मैसेजेस पर ज्यादा भरोसा ना करें और अगर करें भी तो ज्यादा फार्वर्ड ना करें।
- शेयर करने से पहले यह जरूर देखे कि किसने उस लेख को लिखा है, वह वेबसाइट भरोसेमंद है या नही और लेखक कितना भरोसेमंद है।
- फेक न्यूज के माध्यम से कभी-कभार बहुत बङी घटनाऐ हो जाती है, कई बार देखा गया है कि कुछ लोगो की मृत्यु तक फेक न्यूज के माध्यम से हो जाती है। ऐसे में आपकी जिम्मेदारी है कि न्यूज को फार्वर्ड करने से पहले अपने स्तर पर सत्यता की जांच कर ले।