Sunday, November 8, 2020

मिजोरम का इतिहास, संस्कृति, वर्तमान और अन्य तथ्य- पढिये मिजोरम अन्य राज्यो से किस प्रकार भिन्न है।

मिजोरम की संस्कृति तथा इस राज्य की भौगोलिक स्थिति  सामरिक व्यापार के दृष्टिकोण से काफी एहम है। मिजोरम की ‘नगहा लो डावर' संस्कृति जो स्विट्जरलैंड जैसे देशों में देखने को मिलती है।

आइए अन्य महत्वपूर्ण घटनाओं के साथ साथ जानते है एक ऐसे प्रदेश के बारे में जहां प्रत्येक 50 साल बाद ऐसे फूल खिलते है। जो राज्य में भुखमरी व अकाल जन्य जैसी समस्याओं का भी कारण बनते हैं।

 

मिजोरम का इतिहास:-   

मिजोरम का शाब्दिक अर्थ है - मि(व्यक्ति) जो(ढालू या पहाड़ी) रम(भूमि) अर्थात्- "पर्वतीय क्षेत्र के लोग"

  •  देश के आजाद होने के बाद तक मिजोरम पहले असम राज्य का ही एक जिला था।
  •  1891 में ब्रिटिश अधिकार होने के बाद उत्तर का लुसाई हिल असम राज्य के हिस्से में तथा आधा दक्षिण भाग बंगाल के अधीन रहा।
  •  1898 में दोनों को मिलाकर लुसाई हिल बना दिया गया तथा यह हिस्सा असम के मुख्य आयुक्त के हिस्से में आ गया था ।
  •  21 जनवरी 1972 को यह केन्द्र शासित प्रदेश बना
  •  20 फरवरी 1987 को यह भारत का 23 वां राज्य बन गया। किन्तु इस विवरण ने कई घटनाओं को जन्म दिया।

 

बांस के फूल और चूहे जो मिजोरम में अकाल लाते है:-

 

सन् 1861 तथा 1911 में भी ये बांस के फूल निकले जिसके 1 वर्ष उपरान्त मिजोरम में अकाल पड़ गया। इस घटना को "माउतम" कहते है।

प्रत्येक 45-50 सालों के बाद मिजोरम में बांस के जंगलो में फूल खिलते है। इन फूलों में बीज होते है। एक साल पश्चात ये फूल गिर जाते हैं।और जमींन पर इसके बीज बिखर जाते हैं।

ये बीज काले चूहों को अत्यधिक प्रिय होते है। इसको खाने के पश्चात इन चूहों की प्रजनन क्षमता काफी बढ़ जाती है। इन चूहों की संख्या में उत्तरोत्तर असंख्य वृद्धि होती है। जंगल में भोजन की समाप्ति होते ही ये काले चूहे कूच करते है, अन्नदाताओं के खेतों और भण्डारग्रहों की तरफ तथा कालांतर में ही ये तीव्र कृंतक खाद्य अनाज को समाप्त कर देते है।

क्योंकि पर्वतीय प्रदेश होने के कारण तथा अधिक वर्षा होने के कारण यहां अनाज भी काफी कम हो पाता है। अत: समस्या काफी जटिल हो जाती है।

 

असम सरकार की असंवेदनशीलता जिसने जन्म दिया उग्रवाद को:-

 

  • इसी कालक्रम के अनुसार सन् 1958-59 के बीच लुसाई हिल (मिजोरम) में फिर से बांस के फूल निकल आये थे। जिसके 1 वर्ष पश्चात् ही माउतम आ गया। माउतम मिजोरम के जिस क्षेत्र से होकर गुजरा वहां  भुखमरी व अकाल ने डेरा पसार दिया।
  • स्थानीय लोगों ने तत्कालीन असम सरकार से वहां के लोगो ने अपनी समस्या के अनुसार आर्थिक मदद मांगी और जिसे असम सरकार ने अस्वीकार कर दिया।
  •  सरकार से सारी उम्मीदें खत्म होते देख स्थानीय लोगों ने असम सरकार के खिलाफ़ सशस्त्र कार्रवाई करने हेतु *मिजो नेशनल फेमाईने फ्रंट (बाद में मिजो नेशनल फ्रंट)* नाम से संगठन बनाया जिसका नेतृत्वकर्ता लालडेन था।
  •  इधर एक घटना और घटी कि असम सरकार ने सम्पूर्ण असम में असमी भाषा अधिनियम लागू करने का निर्णय लिया ।जिसके विरोध में कई गैर असमी लोग संगठित होकर "मिजो नेशनल फेमाईने फ्रंट" के साथ आ गए।
  •  अब यह विद्रोह उग्र होकर आतंकवाद का रूप धारण कर चुका था।

 

  • इतना सब होने के पश्चात् भी अभी भारत सरकार का हस्तक्षेप नहीं हुआ था जिसका कारण उस समय चीन व पाकिस्तान जैसे पडो़सी देशों के साथ सीमा विवाद में उलझा हुआ होना था।

 

 ऑपरेशन जेरिचो:-

 

  • हिंसक रूप ले चुका मिजो फेमाईने नेशनल फ्रंट जिसने पूरी योजना के साथ मिजोरम के आइजाल शहर पर हमला कर दिया और असम राइफल्स तथा अन्य मदद न आ सके जिसके लिए इकलौते सिल्चर सड़क व्यवस्था को भी ध्वस्त कर दिया।
  • इस आपरेशन का उद्देश्य था,मिजोरम को अपने कब्जे मे लेकर असम से अलग करना तथा 1 March 1966तक एक प्रथक राष्ट्र बनाना। जिसमे यह संगठन सफल रहा था।
  • जिसमे गैर मिजोरम के लोगो को मारा गया व वे सभी कार्य हुए जो भारत की अखंडता व सौहार्द के लिए अस्वीकार्य है।

 

जब भारतीय वायुसेना को अपने ही देश में करना पड़ा रण:-

  • भारत सरकार को ऐसी स्थिति का अंदाजा होते ही त्वरित कार्रवाई हेतु वायुसेना को भेजना पडा़।
  •  इतिहास में पहली व आखिरी बार ऐसा हुआ कि भारतीय वायुसेना के तूफानी व हण्टर नाम के जेट फाइटरों को स्थिति नियंत्रण हेतु अपने ही राज्य पर शक्ति दिखानी पडी़।

 

  •  जिसके पश्चात सन् 1967 में भारतीय सेना द्वारा मिजो फ्रंट पर नियंत्रण होते ही भारत सरकार ने Grouping Policy लागू कर दी।जिसकी सहायता से आतंकवादियों का खात्मा किया जा सका।
  •  सन्1968 तक विद्रोहियों ने आत्मसमर्पण कर दिया।
  •  21 January 1972 को मिजोरम केन्द्र शासित प्रदेश बना।

 

1976 Mizo national front accord:-

 

  • सन् 1976 को मिजो नेशनल फ्रंट के साथ समझौता हुआ जिसमें इस पार्टी ने उग्रवाद के रास्ते का त्याग कर भारत की अखंडता व सौहार्द के साथ विकास करने के लिए सहमति दी।
  •  20 february 1987 को मिजोरम को 23वां पूर्ण राज्य का दर्जा प्राप्त हो गया.

मिजोरम के आधारभूत तथ्य:-

  • mizoram map
    Mizoram political map
    image source- Indiainmaps.com

    केन्द्र शासित प्रदेश:- 21 January 1972 
  • राज्य:- 2 0 February 1987 
  • राजधानी:- आइजाल  
  • जिले:- 08 
  • राज्यपाल:- पी एस श्रीधरन पिल्लई 
  • मुख्यमंत्री:- जोरमथंगा 
  • हाईकोर्ट:- गुवाहाटी हाईकोर्ट आइजाल ब्रांच  
  • मुख्य न्यायाधीश:- अजय लांबा 
  • MLA:- 40 
  • Lok Sabha:- 1 
  • Rajya Sabha:- 1


 

सीमावर्ती राज्य:- 

यह राज्य असम, त्रिपुरा तथा मणिपुर के साथ अपनी सीमाएं साझा करता है। बांग्लादेश तथा म्यांमार  देश के साथ भी इसकी सीमाएं हैं।
  1. असम 
  2. त्रिपुरा 
  3. मणिपुर

राजकीय चिन्ह:-

  • राज्य पशु:- Himalayan Serow 
  • राज्य पक्षी:- Mrs Hume's Pheasant 
  • राज्य पुष्प:- Red Vanda 
  • राज्य वृक्ष:- Indian Rose chest nut

भौगोलिक स्थितियां:- 

मिजोरम में झूम व स्थानांतरित कृषि पद्धति है।‌‌‍

  •  दूसरा सबसे कम जनसंख्या वाला राज्य है। 
  • राज्य की साक्षरता दर 91.33% है,जो की राष्ट्रीय साक्षरता दर 74.04% से अधिक है। 
  • सर्वाधिक वन क्षेत्र 86.27% इसी राज्य का है। 
  • मिजो/लुशाई,म्हार,पोई चकमा,राल्ते,पोवाई तथा कुकी यहां की प्रमुख जनजातियां है। 
  • मिजोरम एक पर्वतीय प्रदेश है।

 

सामान्य तथ्य:-

  •  मिजोरम में कोई रेलवे नहीं है। 
  •  मिजो हिल्स में रहने वाली जनजाति कुकी कहलाती है।
  • तुईरियाल पनबिजली बांध से लगभग 60 mw तथा कालादान पनबिजली बांध से 500mw बिजली की आपूर्ति होती है। 
  •  राज्य की सबसे बड़ी नदी छिमतुइपुइ नदी है। जिसे कालादान नदी भी कहते हैं।

 

मिजोरम के प्रमुख त्योहार:- 

मिजोरम में त्यौहारों को कुट कहा जाता है।

  •  छपचर कुट  
  • पाल कुट 
  •  मिम कुट

 

मिजोरम के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान तथा वन्य जीव अभयारण्य:-

 

  • Blue Mountain Park 
  • Dampa Tiger Reserve
  • Lengteng Wildlife Sanctuary 
  • Murlen National Park 
  • Thorangtlang Wildlife Sanctuary

 

मिजोरम का पर्यटन केंद्र:-

  •  Durtlang Hills 
  •  Palak Lake 
  • Tamdil Hills 
  • Hmuijang Hill

पूर्वोत्तर भारत में प्रकृति के ऐसे अनुपम उपहार है। जिनका लिखित में वर्णन करना सदैव असंभव ही होगा। मिजोरम में शिक्षा दर बहुत अच्छी है। किन्तु फिर भी यह एक पिछड़ा राज्य है। जो तेजी से विकास पथ पर अग्रसर है।

Saturday, November 7, 2020

गुजरात राज्य का इतिहास, संस्कृति, वर्तमान तथा प्रमुख तथ्य- यह दूसरा वाला आपने अपने जीवन में कभी नही पढा होगा-

गुजरात राज्य का इतिहास, प्राचीन काल से लेकर, सिन्धु घाटी की सभ्यता के साथ-साथ सैकङो किस्से अपने साथ में समेटे हुए है।

2200-2500 वर्ष की ऐतिहासिकता का प्रमाण देता, पुरातात्विक निष्कर्षों के अनुसार, भगवान कृष्ण का मंदिर द्वारिका, जो गुजरात की विराट संपूर्णता भरे इतिहास से अवगत कराता है। 

Political Map of Gujrat

 

आइए जानते है,ऐसे एक राज्य के इतिहास के बारे में :-

गुजरात राज्य का इतिहास:-

 

गुजरात के इतिहास को हम दो भागो में पढ़ेगे

  1. सिन्धु घाटी की सभ्यता से लेकर चालुक्यो के शासन तथा महाराज शिवाजी के आक्रमण तक
  2. अंग्रेजो के बाद से भारत में विलय होने तक

 

  •  सिंधु घाटी सभ्यता के प्रमुख शहर जिनमें लोथल, धोलीवारा और गोला धोराओ जैसे प्राचीन महानगरीय शहर शामिल है, गुजरात राज्य में ही थें, इनके साक्ष्य गुजरात से मिलते है।
  •  भारत का पश्चिमी राज्य गुजरात सिंधु सभ्यता का एक प्रमुख केन्द्र रहा है।

 

  •  गुजरात राज्य के नाम कि उत्पत्ति लगभग 6-12 वीं शताब्दी में गुर्जरत्रा नाम से हुआ। जिसे गुर्जरों द्वारा रक्षित देश कहा जाता था। गुर्जर कुशल क्षत्रिय योद्धा होते थे।
  • मौर्यगुप्तप्रतिहार तथा चालुक्यों ने इस प्रदेश पर शासन किया।
  •  चालुक्य वंश ने इस राज्य पर 960-1243 तक शासन  किया था।
  •  महाराजा शिवाजी ने 1664 में सूरत पर आक्रमण किया जो मुगलों का किला था तथा उस किले का खजाना लूट लिया। 1672 में फिर से आक्रमण कर मुगलों को काफी नुकसान पहुंचाया।।

 आजादी से पहले गुजरात दो भागो में बंटा था। पहला भाग ब्रिटिश क्षेत्र तथा दूसरा भाग देशी रियासतों में, आजादी के बाद 1808 में जूनागढ़ ब्रिटिश प्रोटैक्टरेट राज्य बन गया था। जूनागढ़ में भावनगर, नवागर, गोडल और बड़ौदा की रियासतें थीं तथा कुछ स्थानों पर जूनागढ़ होकर ही पहुंचना सम्भव था। यहां हिन्दू आबादी बहुसंख्यक थी।

जनमत संग्रह द्वारा इस राज्य को भारत में मिला गया। सन 1960 में गुजरात भारत का राज्य बन गया।

 

गुजरात के कुछ आधारभूत तथ्य:-

 

  • राज्य:- 1 May 1960
  •  राजधानी:- अहमदाबाद 
  • जिले:- 33 
  • मुख्यमंत्री:- भूपेन्द्र भाई पटेल
  • राज्यपाल:- आचार्य देवब्रत 
  • हाई कोर्ट:- गुजरात हाईकोर्ट 
  • चीफ जस्टिस:- जस्टिस विनीत कोठारी
  • MLA:- 182 
  • LOK SABHA:- 26 
  • RAJYA SABHA:- 11

 

सीमावर्ती राज्य:-

 गुजरात की सीमाएं भारत के पांच राज्य जिनमें से 2 केन्द्र शासित है। तथा एक अंतरराष्ट्रीय सीमा है, जो पाकिस्तान के सिंध प्रांत से लगती है।

 

1:- उत्तर पूर्व में राजस्थान

2:- दक्षिण में दमन द्वीप

3:- दक्षिण पूर्व में महाराष्ट्र

4:- दक्षिण पूर्व में दादर और नागर हवेली

5:- पूर्व में मध्य प्रदेश

 

राजकीय चिन्ह:-

  • राज्य पशु:- एशियाई शेर 
  • राज्य पक्षी:- ग्रेटर फ्लेमिंगो 
  • राज्य पुष्प:- गेंदा (मैरीगोल्ड) 
  • राज्य वृक्ष:- आम का वृक्ष

 

गुजरात का भूगोल और जलवायु:-

 

  • गुजरात से साबरमती, तापी, नर्मदा, दमनगंगा नदियां गुजरती है।
  •  सबसे लंबी नदी साबरमती है, दूसरे स्थान पर तापी नदी है किन्तु नर्मदा इस राज्य के एक बड़े भाग पर  लंबी दूरी तय करती है।
  •  गुजरात का भौगोलिक क्षेत्र 196024 वर्ग किमी है,जिसमे 7.52% भाग पर वन क्षेत्र है।
  •   गुजरात भारत का पश्चिमी राज्य है, जिसकी समुद्र तट से 1600km की सीमा है।
  •  क्षेत्रफल की दृष्टि से यह भारत का पांचवा राज्य है तथा जनसंख्या की दृष्टि से नौंवा राज्य है।
  •  मध्य गुजरात के दक्षिण हिस्से में वर्षा दर अच्छा है। तापमान में अंतर कम है, तथा मिट्टी उपजाऊ है।

 

गुजरात के प्रमुख बांध:-

 

  1.  दंतेवाड़ा डैम:- west banas river,यह नदी राजस्थान से गुजरात में बहती है।
  2.  धोली डैम:- Madhumati River
  3.  धोलिधाजा डैम:- Bhogavo River 
  4. कमलेश्वर डैम:- इसे आधिकारिक तौर पर HIRAN-I के नाम से जानते है,यह Hiran River पर स्थित है। 
  5. सरदार सरोवर डैम:- यह नर्मदा नदी पर स्थित है।

सरदार पटेल ने सर्वप्रथम सन 1945 को सरोवर बांध बनाने की पहल की जिसके पश्चात पंडित नेहरू ने सन 1961में इसकी नींव रखी।

17 सितंबर 2017 को पीएम मोदी ने भारत के सबसे बड़े बांध का उद्घाटन किया।

सरदार सरोवर बांध की ऊंचाई 138 मीटर है, इसके 30 गेट हैं। इस बांध के बनने से गुजरात, एमपी, महाराष्ट्र और राजस्थान को फायदा हुआ।

 

गुजरात के General Facts:-

 

  •  Girnar, गुजरात की सबसे ऊंची चोटी है, तथा सापुतारा राज्य का एकमात्र हिल स्टेशन है।
  •  लोथल को विश्व  का सबसे प्राचीन बंदरगाह माना जाता है।
  •  गुजरात में 14 एयरपोर्ट है।
  •  गांधीनगर को एशिया की "ग्रीनेस्ट city" माना जाता है
  •  गुजरात मूंगफली और कपास के उत्पादन में अग्रणी है एवम् तम्बाकू उत्पादन में इसका द्वितीय स्थान है।
  •  1970 में गुजरात की राजधानी गांधीनगर को बनाया गया इससे पहले इसकी राजधानी अहमदाबाद थी।जो कि गुजरात का सबसे बड़ा शहर है।
  •  गुजरात में कुल छोटे बड़े 40 बंदरगाह हैं।

 

गुजरात के प्रमुख त्यौहार तथा मेले:-

 

  1. रण उत्सव 
  2. अंतरराष्ट्रीय पतंग महोत्सव 
  3. भवनाथ महादेव मेला 
  4. मोधेरा नृत्य त्यौहार

 

गुजरात के प्रमुख लोक नृत्य:-

 

  • भवई 
  • डांडिया 
  • गरबा 
  • पधर 
  • तिप्पनी

 

गुजरात के प्रमुख राष्ट्रीय उद्यान और वन्य जीव अभ्यारण्य:-

 

  • गिर नेशनल पार्क 
  • जम्बुघोड़ा वन्य जीव अभ्यारण्य
  • Jessore Sloth Bear अभ्यारण्य 
  • कच्छ ग्रेट इंडियन बस्टर्ड अभ्यारण्य
  • नलसरोवर पक्षी अभ्यारण्य 
  •  जंगली गधा अभ्यारण्य

 

UNESCO 🌍 HERITAGE SITE OF GUJRAT:-

 

1-) चंपानेर – पावागढ़ पुरातत्व पार्क, गुजरात – 2004

 

यह गुजरात के पंचमहल जिले में स्थित है।इसका निर्माण सुल्तान महमूद बेगड़ा ने करवाया था।

 

2-) रानी की वाव पाटन गुजरात –2014

 

 

 

 

3-) अहमदाबाद का ऐतिहासिक शहर – 8 जुलाई 2017

 

 GI Tags of Gujarat:-

 

  • गिर केसर 
  • कच्छ साल 
  • सूरत ज़री
  •  क्राफ्ट भलिया
  •  गेहूं
  •  संखेडा फर्नीचर

 

गुजरात, भारत का तीसरा धनाढ्य राज्य है। गुजरात भारत के संपन्न राज्यों कि श्रेणी में आता है।  गुजरात से अनेक ऐसे महापुरुष हुए जिन्होंने भावी भारत की संकल्पना को साकार करने में अभूतपूर्व योगदान दिया है।

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Thursday, November 5, 2020

Central Vista Project क्या है? किस प्रकार यह आम आदमी को प्रभावित करेगा.

1971 की जनगणना के आधार पर देश में सांसदो की संख्या व उनके अनुपात का निर्धारण होता है जो कि 2026 तक इसी रूप में चलेगा। परन्तु उसके पश्चात नयी जनगणना के अनुसार सांसदो की संख्या बढायी जायेगी जो कि 545 से बढकर लगभग 850 के आसपास हो जायेगी।

ऐसी स्थिति में सरकार के लिए पुराना संसद भवन छोटा पङ सकता है इसलिए सरकार एक नया प्रोजेक्ट ला रही है जिसका नाम Central Vista Project है।


Central Vista क्या है?

दिल्ली में इंडिया गेट से लेकर राष्ट्रपति भवन तक का क्षेत्र central vista कहलाता है।




Central vista project क्या है?

Central Vista Project के अंतर्गत सरकार नयी संसद भवन का निर्माण कर रही है क्योकि नयी जनगणना के अनुसार सांसदो की संख्या बढेगी और पुराना संसद भवन उसके लिए छोटा पङ जायेगा। ध्यान रहें, कि पुराने संसद भवन की इमारत लगभग 100 वर्ष पुरानी है जिसके कारण कोई भी बङा खतरा होने का डर हर वक्त बना रहता है।

 इस प्रोजेक्ट में निम्न परिकल्पनाएं शामिल है:-

  1. मौजूदा संसद भवन के निकट में ही नई त्रिकोणीय संसद भवन का निर्माण.
  2. नार्थ ब्लाक व साउथ ब्लाक को संग्रहालय के रूप में पुनर्निमित किया जायेगा.
  3. आम केन्द्रीय सचिवालय का निर्माण.
  4. 3km लम्बे राजपथ का पुनरुद्धार करना (इंडिया गेट से राष्ट्रपति भवन)


 


यह एक भारत सरकार की बड़ी महत्वाकांक्षी परियोजना है, जिसकी लागत लगभग 20,000 करोड़ तक आंकी जा रही है। संसद भवन का निर्माण कार्य समाप्त करने की समय सीमा मार्च 2022 रखी गयी है, सरकार का लक्ष्य यह है कि 2022 में 75वें स्वतंत्रता दिवस का शीतकालीन सत्र नयें संसद भवन में किया जायेंगा।


 

भारत सरकार का central vista पुनरुद्धार का दृष्टिकोण?

भारत सरकार का वर्तमान सेन्ट्रल विस्टा प्रोजक्ट के प्रसार के लिए निम्न प्रकार के तर्क दिये गये है-
  1.  वर्तमान समय में संसद भवन की सुविधाएं व बुनियादी ढांचा अपर्याप्त है।
  2. केन्द्र सरकार के कार्यालय विभिन्न स्थानों पर फैले हैं। जिससे सरकार को Management में काफी समस्या होती है।
  3. अधिकांश इमारतों ने अपनी संरचनात्मक अवधि को पार कर लिया है

पर्यावरण मंत्रालय की clearance के पश्चात CPWD ने बताया कि 12 Feb को पार्लियामैंट के लिए 922 crore के प्रोजेक्ट की मंजूरी मिल गई है ।

 

पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी ने कहा था कि लोकसभा की क्षमता को दोगुना करना चाहिए जिसमें लगभग 1000 Member of Parliament  हो।

पालिटिकल वैज्ञानिकों के अनुसार-लोकसभा में 2026 तक 848 member होंगे, जिसके लिए हमें नयें हाॅल को लगभग 900 सांसदों की क्षमता के उद्देश्य से बनाना होगा।

Central Vista वर्तमान तथा प्रस्तावित योजना के अनुसार:-

वर्तमान में नई दिल्ली के central vista में इंडिया गेट, संसद भवन, उत्तर व दक्षिण ब्लाॅक, राष्ट्रपति अभिलेखागार व राष्ट्रपति भवन है। संसद भवन को प्रसिद्ध Architect एडवर्ड लुटियन्स व बेकर दोनों द्वारा डिजाइन किया गया था। सचिवालय, जिसमें उत्तर व दक्षिणी ब्लाॅक शामिल है, हर्बर्ट बेकर द्वारा डिजाइन है।

  •  उत्तरी ब्लाॅक:- उत्तरी ब्लॉक में गृह मंत्रालय व वित्त मंत्रालय है।
  •  दक्षिणी ब्लाॅक:- दक्षिणी ब्लॉक में प्रधानमंत्री कार्यालय, रक्षा मंत्रालय व विदेश मंत्रालय आदि शामिल है।

                       
 योजना के अनुसार निम्न परिवर्तन किये जायेगे-

  •  साउथ ब्लाॅक 1857 तक देश के इतिहास को दर्शाएगा
  •  नार्थ ब्लाॅक 1857 के बाद के देश के इतिहास को बताएगा।

इन दोनों भव्य ऐतिहासिक इमारतों को संग्रहालय में परिवर्तित किया जायेगा, जहां लोग आसानी से पहुंच सकेंगे जो कि एक उच्च सुरक्षा क्षेत्र है।

  • योजना के अनुसार- दक्षिण ब्लाॅक के पास प्रधानमंत्री आवास और कार्यालय तथा उत्तरी ब्लाॅक के पास उपराष्ट्रपति का नया घर बनाने की योजना है। आम केन्द्रीय सचिवालय में 10 नये कार्यालय भवन शामिल होंगे।
  •  गुजरात की HCP नें केंद्र की महत्वाकांक्षी परियोजना के लिए आर्किटेक्चर और इंजीनियरिंग प्लानिंग के लिये कंसल्टेंसी बिड जीती है।
  •  नई संसद भवन में 900 से 1200 सांसदों के बैठने की जगह होगी व कम्प्यूटर स्क्रीन जैसी अन्य सुविधाएं भी होंगी। यह भवन सुरक्षा की दृष्टि से बहुत ही ज्यादा सुरक्षित होगा क्योकि 2001 के संसद भवन पर हमलें को देश के दुखद दिनों में से एक गिना जाता है।
  • पुरानी संसद भवन लगभग 100 वर्ष पुरानी है जिसकी वजह से इस भवन को भूकम्प से खतरा बना रहता है, परन्तु नयी बिल्डिंग पूरी तरह से भूकम्परोधी होगी।
  •  त्रिकोणीय संसद भवन, अगस्त 2022 तक बनने की उम्मीद है।
  •  2024 तक आम केंद्रीय सचिवालय के निर्माण की संभावना है।
  •  भारत की संसद भवन का निर्माण एडवर्ड लुटियन्स व हर्बर्ट बेकर द्वारा किया गया है। यह भवन 1921 से बनना शुरू हुआ था और 6 वर्षो में बनकर तैयार हुआ था, उस समय इस भवन को बनाने में 83 लाख की लागत आयी थी। इस भवन के निर्माण का विचार इन्होंने  मध्यप्रदेश के मोरैना जिलें में स्थित चौंसठ योगिनी मंदिर से लिया है, जिसका निर्माण देवपाल नाम के राजा ने करवाया था।

चौसठ योगिनी मन्दिर

 


सरकार तथा विपक्ष का मत:-


जनसंख्या बढने के साथ साथ सांसद भी बढे़गें। कई मंत्रालयों में काम के हेतु जगह की कमी होने से किराए का ऑफिस लेना पड़ता है, जिसमें अनुमानत: कई करोड़ खर्च होते है। अत: central vista पुनरुद्धार जिसमें संसद भवन का पुनर्निर्माण आवश्यक है।

कुछ अन्य व्यक्तियों का मत है कि संसद भवन के निर्माण के लिए बङी मात्रा में पेङ काटे जा रहे है व एक स्थान से दूसरे स्थान पर स्थानांतरित किये जा रहे है। इस प्रक्रिया में पेङो और पर्यावरण को बहुत ही ज्यादा हानि हो रही है।

कोरोना महामारी के पश्चात कुछ व्यक्तियों का कहना कि सरकार को संसद भवन के निर्माण की प्रक्रिया को कुछ समय के लिए स्थगित कर देना चाहिए और देश की अन्य समस्याओ जैसे कि फ्री वैक्सीन, चिकित्सा तथा अन्य जरूरी चीजों पर धन खर्च करना चाहिए।

कुछ अन्य व्यक्तियों का मत है कि आर्थिक मंदी के इस दौर में संसद भवन के निर्माण से मुद्रा का संचार आम नागरिक तक होगा जो कि भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए अच्छा संकेत है।

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