Wednesday, June 2, 2021

Women freedom fighters of India- इन महिलाओ का वजह से ही आज भारत आजाद हो पाया है. 8वीं महिला के बारे में शायद ही आप जानते हो-

भारत की आजादी की लङाई में पुरुषो के साथ-साथ महिलाओ ने भी बढ-चढकर हिस्सा लिया और भारत की आजादी दिलाने में सफलता पायी, तो आइये इसी क्रम में जानने की कोशिश करते है कि वे कौन-कौन सी महिला स्वतंत्रता सेनानी थी जिन्होने भारत को आजादी दिलाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की.

 रानी लक्ष्मी बाई:-

  •  रानी लक्ष्मी बाई का जन्म 19 नवंबर 1828 को वाराणसी में हुआ था। उनका विवाह गंगाधर राव के साथ हुआ। 21 नवंबर 1853 में गंगाधर राव की मृत्यु हो गई। उसके बाद प्रशासन की सारी जिम्मेदारी रानी लक्ष्मीबाई ने अपने कंधों पर ले ली।

Rani Laxmibai file pic



  • अंग्रेजों की हड़प नीति के कारण उन्होंने अंग्रेजों का डटकर सामना किया और 1857 की क्रांति में उन्होंने अंग्रेजों से जमकर लोहा लिया। अंत में वो झांसी की रक्षा करते हुए वीरगति को प्राप्त हुई।

 

बेगम हजरत महल:-

  • 1857 के स्वतंत्रता संग्राम के समय बेगम हजरत महल ने अंग्रेजों को कड़ी टक्कर दी थी। वह अवध के नवाब वाजिद अली शाह की पत्नी थी।
  • ईस्ट इंडिया कंपनी के अधिकारियों ने इनके पति को गिरफ्तार कर कोलकाता भेज दिया था,  इसके पश्चात बेगम हजरत महल में अवध की बागडोर संभाल कर लखनऊ पर कब्जा कर लिया। उन्होंने अपने नाबालिक पुत्र बिरजिस कादर को गद्दी पर बैठा कर अंग्रेजों का सामना स्वयं किया था,उनके अंदर मातृत्व और साहस का गुण था व नेतृत्व की अभूतपूर्व क्षमता थी।
  •  उन्होंने अंग्रेजों से जी जान लगाकर लगा लड़ाई की परंतु उन्हें हार का सामना करना पड़ा। जिसके कारण वह नेपाल चली गई और वहां उनकी मृत्यु 1879 ईसवी में हुई।

 

एनी बेसेंट:-

  • एनी बेसेंट आइरिश मूल की स्त्री थी जिनका जन्म 1 अक्टूबर 1847 में लंदन के एक परिवार में हुआ था, उनका विवाह 1867 में फ्रैंक बेसेंट नामक पादरी से हुआ था परंतु उनका वैवाहिक जीवन ज्यादा समय तक चल ना सका। इसके पश्चात उन्होंने भारत आकर अनेक सामाजिक कार्य किए।
  • वह कांग्रेस की प्रथम महिला सदस्य बनी और भारतीयों के अधिकारों के लिए लड़ी ।
  •  वह एक प्रसिद्ध समाज सुधारक, महिला कार्यकर्तालेखिका और प्रवक्ता थी, एनी बेसेंट की उपलब्धियों में थियोसोफिकल सोसायटी की स्थापना, कांग्रेस की प्रथम महिला अध्यक्ष बनना, होमरूल की स्थापना व भारत में स्वशासन की मांग करना था।

 

मैडम भीकाजी कामा:-

  • मैडम भीकाजी कामा का जन्म 24 सितंबर 1861 को मुंबई में हुआ था। उनके पिता सोहराबजी पटेल एक प्रसिद्ध व्यापारी थे। भीकाजी कामा का स्वास्थ्य खराब रहने के कारण वह मुंबई से यूरोप सन् 1902 में चली गई।  वहां से उन्होंने लंदन अमेरिका जर्मनी भ्रमण कर भारत की स्वतंत्रता के पक्ष में माहौल बनाया।
  •  वह मैडम भीकाजी कामा ही थी जिन्होंने 22 अगस्त 1907 को जर्मनी की अंतरराष्ट्रीय सोशलिस्ट कान्फ्रेंस में भारत के राष्ट्रीय झंडे को फहराया था , जिस पर वंदे मातरम लिखा हुआ था।

 

  •  तिरंगे झंडे की कल्पना भी भीकाजी कामा की ही थी।

 

कस्तूरबा गांधी:-

  •  कस्तूरबा गांधी का जन्म पोरबंदर में 11 अप्रैल 1869 को हुआ था, वह महात्मा गांधी की पत्नी थी उन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था।
  •  सन् 1930 में व दांडी और धरासड़ा के बाद जब गांधी जी जेल चले गए तो वह सभी का मनोबल बढ़ाते रही।



  •  22 फरवरी 1944 को जब गांधी जी जेल में थे तो उनकी मृत्यु हो गई।

 

सरोजिनी नायडू:-

  •  सरोजिनी नायडू का जन्म 13 फरवरी 1879 में हैदराबाद में हुआ था, वह होनहार विद्यार्थी थी उन्हें उर्दू, तेलुगु, इंग्लिश, बांग्ला व फारसी भाषा का अच्छा ज्ञान था।
  •  इंग्लैंड में उन्होंने पढ़ाई की। गोल्डन थ्रेसोल्ड उनका पहला कविता संग्रह था, उनके दूसरे व तीसरे कविता संग्रह बर्ड आफ टाइमब्रोकन विंग ने उन्हें सुप्रसिद्ध कवियत्री बना दिया।
  •  1903 से 1917 के बीच व नेहरू व टैगोर व अन्य भारतीय नायकों से मिली।
  •   1915 से 1918 तक भारत भ्रमण किया ताकि भारत में राष्ट्रीय भावनाओ को जाग्रत किया जा सकें।
  •  सविनय अवज्ञा आंदोलन में वह गांधी जी की विश्वसनीय थी.

 

  • 1922-26 तक वह दक्षिण अफ्रीका में भारतीयों के प्रति प्रयत्नरत रही।

 

  • नायडू ने सन् 1925 में कानपुर कांग्रेस अधिवेशन की अध्यक्षता की थी व उत्तर प्रदेश के गवर्नर बनने वाली पहली महिला थी ।

 

अरूणा आसफ अली:-

 

  इनके बचपन का नाम अरुणा गांगुली था, इन्हें 1942 में भारत छोड़ो आंदोलन के दौरान मुंबई के गोवालिया मैदान में कांग्रेस का झंडा फहराने के लिए हमेशा याद किया जाता है।

 

  •  1930 में उन्होंने सार्वजनिक सभाओं को संबोधित किया व जुलूस निकाला,  1932 में उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेजा गया और वहां पर उन्होंने कैदियों के खिलाफ हो रहे बुरे व्यवहार के विरोध में भूख हड़ताल की।

 

दुर्गाबाई देशमुख:-

 

 इनका जन्म 1909 में आंध्र प्रदेश में हुआ था, 10 वर्ष की उम्र में उन्होंने महिलाओं के लिए पाठशाला खोली व 500 से अधिक महिलाओं को हिंदी पढ़ाने के साथ-साथ स्वयं सेविका बनाने का कार्य किया।

 

  •  सन् 1930 से 33 तक वे तीन बार जेल गई।

  • उनका विवाह 1953 में भूतपूर्व मंत्री चिंतामणि देशमुख के साथ हुआ।

  •  आंध्र प्रदेश में शिक्षा के प्रसार के लिए उन्हें नेहरू साक्षरता पुरस्कार से सम्मानित किया गया।
  •  71 वर्ष की आयु में लंबी बीमारी के बाद 9 मई सन 1981 को हैदराबाद में उनका निधन हो गया.

 

डॉक्टर लक्ष्मी सहगल:-

 

 डॉ लक्ष्मी सहगल का जन्म 24 अक्टूबर 1914 को तमिल परिवार में हुआ था, कैप्टन सहगल ने 1932 में स्नातक की परीक्षा पास की और बाद में उन्होंने एमबीबीएस किया और डॉक्टर बनी ।

 

  • 1942 में वे भारत छोड़कर सिंगापुर चली गई और द्वितीय विश्व युद्ध में घायल युद्ध बंदियों के लिए काम किया ।

 

  •  1943 में सुभाष चंद्र बोस से वह काफी प्रभावित हुई और आजाद हिंद फौज को ज्वाइन कर लिया।

 

  • अक्टूबर 1943 में डॉक्टर लक्ष्मी ने रानी लक्ष्मी रेजीमेंट का कार्यभार संभाला व बाद में उन्हें कर्नल का पद भी मिला ।

 

  • जापान की हार के बाद उनको आजाद हिंद सैनिकों के साथ पकड़ा गया व बाद में उन्हें रिहा कर दिया गया, उन्होंने कर्नल प्रेम कुमार सहगल से विवाह किया ।

 

  •  23 जुलाई सन् 2012 को उनका देहांत कानपुर में हो गया ।

 

विजय लक्ष्मी पंडित:-

 विजय लक्ष्मी पंडित जवाहरलाल नेहरू की बहन थी, उनका जन्म 18 अगस्त 1900 को इलाहाबाद में हुआ था, उन्होंने असहयोग आंदोलन में बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया था।

  •  इनका विवाह 1921 में सीताराम पंडित के साथ हो गया।
  •  1932 में इन्होंने आंदोलन में भाग लेने के कारण गिरफ्तार कर लिया गया ।
  •  1937 में विधानसभा चुनाव में हुए विधानसभा की सदस्य चुनी गई।
  •  1942 में असहयोग आंदोलन के वक्त उन्हें गिरफ्तार किया गया
  •   सन् 1946 में भी पुनः उत्तर प्रदेश विधानसभा की सदस्य बनी।

 

  •  स्वतंत्रता के बाद विजय लक्ष्मी पंडित ने संयुक्त राष्ट्र संघ में भारत का प्रतिनिधित्व किया व संघ में महासभा में प्रथम महिला अध्यक्ष निर्वाचित की गई।

 

  • 1 दिसंबर 1990 को उनकी मौत हो गई।

 

सुचेता कृपलानी:-

  •  सुचेता कृपलानी भारतीय स्वतंत्रता सेनानी व राजनीतिज्ञ थी।
  • 1946 में संविधान सभा के सदस्य चुनी गई।
  •  1958 से 1960 तक वह भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस की महासचिव थी ।
  •  वह उत्तर प्रदेश की प्रथम महिला मुख्यमंत्री थी।
  • वह नोआखली यात्रा के समय बापू के साथ थी।

 

  • 1963 में उत्तर प्रदेश की मुख्यमंत्री बनने से पहले वह दो बार लगातार लोकसभा के लिए चुनी गई थी।

 

  • उनकी मृत्यु 1 दिसंबर 1974 को हुई थी.

 


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