इंसान के जीवन में कई ऐसे पहलू होते है जहां उसको एहसास होता है कि अगर यह बात उसें पहलें पता होती तो जीवन में आज वह किसी और मुकाम पर होतें। और अक्सर होता भी यही है कि हमें वे चीजें समय सें पता नही होती है जो हमें पता होनी चाहिए।
चाणक्य नें कहा था कि अगर हम अपनी गलतियों से सीखते है तो सीखनें के लिए यह जीवन बहुत छोटा है इसलिए हमें दूसरों की गलतियों सें और दूसरों के जीवन सें सीखना है।
आइयें आज समझते है Win-win policy कों, Win-win policy निश्चित रूप सें आपके जीवन में ढेर सारे बदलाव लायेगी व आपको तरक्की के शिखर तक पहुंचायेगी।
Win-win policy
Win-win policy का अर्थ है कि दोनो स्थिति में जीत ही जीत है। हम सबके अंदर द्वेष भावना या जलन भावना कुछ न कुछ होती ही है जो हम सबको आगे बढनें से रोकती है। इसी के संदर्भ में Win-win policy पॉलिसी है
जो हमें यह सिखाती है कि दोनो स्थिति में जीत कैसें है।
मान लेते है कि दो प्रतिद्वंदी विराट और रोहित है जो किसी बिजनेंस में अपना हाथ आजमाते है। विराट किसी होटेल का मालिक है व वह उसमें व्यवसाय करता है और रोहित का ट्रांसपोर्ट का बिजनेंस है और रोहित शहर भर या शहर के बाहर टूरिस्ट को टैक्सी और अन्य सुविधाऐ प्रदान करता है।
यहां पर दो Cases सम्भव है:-
1- विराट और रोहित एक दूसरें की सफलता सें जलकर एक-दूसरें को नीचा गिरानें का प्रयत्न करते है और स्वयं को आगे बढता देखनें के लिए एक-दूसरें को गिरानें की कोशिश करते है।
2- दूसरें केस में विराट और रोहित एक दूसरें की मदद करते है और एक दूसरें के बिजनेंस को बढाने में मदद करते है। विराट, टूरिस्ट व कस्टमर्स को रोहित के पास भेजता है और रोहित अपनें कस्टमर्स को विराट के पास भेजता है।
केस 1-
विराट और रोहित एक दूसरें को खुद सें आगे निकलते देखना नही चाहते इसकें लिए वे एक-दूसरे को नीचा गिराने की कोशिश में लगे रहते है और जिस समय उनको स्वयं को ऊपर ले जानें के बारें में सोचना चाहिए था उस वक्त वें एक-दूसरें को नीचा गिरानें के चक्कर में दोनो का नुकसान करतें है।
धीरे-धीरें यह स्थिति आती है कि विराट और रोहित दोनो का बिजनेंस नॉन-प्राफिटेबल रहता है और कुछ समय पश्चात दोनो नुकसान को स्थिति में आ जाते है और अंत में ऐसी स्थिति आती है कि उनको भारी नुकसान के कारण अपना व्यवसाय बंद करना पड जाता है।
केस 2-
विराट और रोहित एक-दूसरें की मदद करते है और एक-दूसरें सें आईडिया शेयर करते है व बताते है कि कैसें एक-दूसरें की मदद कर वें और नयी ऊंचाईयों को छू सकते है। यहां पर राम और श्याम Win-win policy के अंतर्गत काम कर रहै होते है.
विराट के होटेल में जब कोई टूरिस्ट आता है और ट्रवेल करना चाहता है तो राम उसें रोहित के बारें में बताता है और तारीफ करता है कि उसकें जैसी सुविधाऐ मिलना और कहीं मुश्किल है।
ठीक इसी प्रकार रोहित भी करता है, जब कोई टूरिस्ट रोहित सें किसी अच्छे होटेल के बारे में पूछता है तो रोहित उसें विराट के बारें में सुझाव देता है।
यहां पर विराट और रोहित दोनों Win-win policy के अंतर्गत काम कर रहै होते है और देखते ही देखते विराट अपनें कई और होटेल्स खोल लेता है व रोहित अपना ट्रांसपोर्ट का बिजनेंस बडा कर के कई और शहरो में भी फैला देता है।
यह सब सम्भव हो पाता है दोनो की आपसी सहयोग और सहमति सें व Win-win policy कें माध्यम सें।
जीवन में सफल में होनें वालें लोग Win-win policy पॉलिसी का ही प्रयोग करते है और नयी ऊँचाईयों पर पहुंचते है व एक-दूसरें सें द्वेष भाव रखनें वाले लोग एक-दूसरे को गिराने के चक्कर में स्वयं को बर्बाद कर लेते है।
जब आप किसी को नीचा करनें में मेहनत करते है तो आप खुद को एक ऊँचाई पर रोक कर सामनें वालें को गिरानें की कोशिश करते है जिसमें आप अपना विकास रोक लेते है व जो ऊर्जा आपको स्वयं को उठानें में लगानी थी वह आप किसी को गिरानें में व्यर्थ कर देते है।
जीवन में सफल होने के लिए Win-win policy को नियमित जीवन में उतारना बहुत ही जरूरी है। याद रखें कि स्वयं को ऊँचाइयों तक पहुंचानें के लिए जरूरी नही कि सामनें वाले को नीचें गिराया जायें, दोनो साथ साथ भी ऊँचाईयों का आनन्द ले सकतें है।
अगर आप Win-win policy को वीडियो के जरिये समझना चाहते है और ऐसे ही अन्य वीडियोज देखना चाहते है तो हमारे यूट्यूब चैनल पर विजिट कर सकते है।
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