Monday, June 21, 2021

United Nations International Organisations- Headquarter, President and Establishment year in Hindi

दुनिया ने बहुत बार ऐसी परिस्थिति महसूस की है जिसके बाद उन्होने महसूस किया कि सभी देशो को एक साथ एक मंच पर आना चाहिए जिसके लिए कई सारे संगठनो का निर्माण किया गया. द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद विश्व में शांति के लिए कई सारे इंटरनेशनल संगठन बनाये गये जिनका उद्देश्य भिन्न-भिन्न उद्देश्यो की प्राप्ति करना था-

आइये इस पोस्ट के माध्यम से ऐसे ही संगठनो के बारे में जानने का प्रयास करते है और उनसे सम्बन्धित सारी जानकारी भी प्राप्त करते है-

INTERNATIONAL ORGANISATION

INFORMATION ABOUT ORGANISATIONS

1.      Asian Development Bank

स्थापना- 1966

 

मुख्यालय- मनीला

 

इस बैंक का मुख्य उद्देश्य एशिया में विकास करना व उसके लिए देशो को लोन की सुविधा उपलब्ध करवाना है।

इसके सदस्य देशो की संख्या 67 है।

 


2.      A.S.E.A.N (Association of South-East asian Nations)

आसियान का पूरा नाम- Association of South-East asian Nations है. इसके सदस्य़ देशो की संख्या 10 है।

आसियान की स्थापना इंडोनेशिया, मलेशिया, फिलीपीन्स, सिंगापुर व थाईलैंड नें मिलकर की थी।

आसियान के सदस्य देश इस प्रकार है- इंडोनेशिया, थाईलैंड, सिंगापुर, मलेशिया, फिलीपींस, वियतनाम, ब्रुनेई, म्यांमार, कोलंबिया व लाओस.

भारत इसका सदस्य नही है।

स्थापना- 1967

मुख्यालय- जकार्ता (इंडोनेशिया)

3.      BIMSTEC (Bay of Bengal Initiative for Multi-Cooperation)

स्थापना- 1997

 

मुख्यालय- ढाका (बांग्लादेश)

इसमें 7 सदस्य देश है जो इस प्रकार है- बांग्लादेश, भूटान, इंडिया, नेपाल, म्यांमार, थाईलैंड, श्रीलंका, अफगानिस्तान.

4.      SAARC (South Asian Association for Regional Cooperation)

स्थापना- 1985

 

मुख्यालय- कांठमांडू

 

सार्क के 8 सदस्य देश है। सार्क के सदस्य देश- भारत, पाकिस्तान,बांग्लादेश, नेपाल, भूटान, श्रीलंका, मालद्वी व अफगानिस्तान है।

सार्क की पहली बैठक 1985 में ढाका में हुई थी।

5.      BRICS

स्थापना- 2006

 

मुख्यालय- शंघाई(चीन)

 

ब्रिक्स का पूरा नाम पांच देशो- ब्राजील, रूस, इंडिया, चीन व साउथ अफ्रीका से मिलकर बना है। साउथ अफ्रीका अंतिम देश है जो ब्रिक्स के साथ जुङा.

इसका प्रथम सम्मेलन रूस में येकेटरिनबर्ग शहर में हुआ था।

6.      NEW DEVELOPMENT BANK

स्थापना- 2014 में ब्रिक्स सदस्य देशो द्वारा की गयी, इसका मुख्यालय शंघाई (चीन) में है.

अध्यक्ष- K.V Kamath

 

7.      SCO (SHANGHAI COOPERATION ORGANISATION)

स्थापना- 2001

 

मुख्यालय- बीजिंग (चीन)

इसकी स्थापना चीन व रूस ने की थी।

8.      WORLD BANK

स्थापना- 1945

मुख्यालय- वाशिंगटन डी.सी

WORLD BANK का मुख्य कार्य विश्वभर में पूंजी के विनियम को प्रोत्साहन देना होता है.

वर्तमान अध्यक्ष- डेविस माल्पास

 

9.      IMF (INTERNATIONAL MONETARY FUND)

स्थापना- 1945

 

मुख्यालय- वाशिंगटन डी.सी

वर्तमान अध्यक्ष- Christne Lagarde

10.  WTO (WORLD TRADE ORGANISATION)

स्थापना- 1995

 

मुख्यालय- जेनेवा (स्विट्जरलैंड)

वर्तमान अध्यक्ष- Roberto Azevedo

 

11.  BANK OF INTERNATIONAL SETTLEMENT

स्थापना-1930

वर्तमान में इसमें 60 सदस्य है।

12.  EUROPIAN UNION

स्थापना- 1993

 

मुख्यालय- ब्रुशेल्स (बेल्जियम)

वर्तमान में इसमें 28 देश है, इंग्लैड यूरोपियन यूनियन को छोङ चुका है।

 

13.  NATO (North Atlantic Treaty Organisation)

स्थापना- 1949

 

मुख्यालय- ब्रुशेल्स (बेल्जियम)

नाटो में इस वक्त 28 सदस्य देश शामिल है।

14.  FOOD AGRICULTURE ORGANISTATION (संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन)

स्थापना- 1945

 

मुख्यालय- रोम (इटली)

इस संगठन का मुख्य कार्य विश्वभर में खाद्य सम्बंधी समस्याओ का निवारण करना है, इसका मुख्य कार्य पोषण-स्तर में सुधार लाकर जीवन स्तर में सुधार करना है।

15.  INTERNATIONAL COURT OF JUSTICE

स्थापना- 1945

 

मुख्यालय- हेग 

 

 

16.  AMNESTY INTERNATION

स्थापना- 1961

मुख्यालय- लंदन

17.  MTCR (Missile Technology Control Regime)

स्थापना- 1987

 

मुख्यालय- जापान

इसके सदस्य देशो की संख्या 35 है।

18.  IAEA (International Atomic energy Agency)

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मुख्यालय- वियना

इसके सदस्य देशो की संख्या 171 है।

19.  INTERNATIONAL SOLAR ALLIANCE

स्थापना- 2015

 

मुख्यालय- पेरिस

इसके सदस्य देशो की संख्या 122 है।

20.  OPCW (Organisation for the prohibition of Chemical Weapon)

स्थापना- 1997

 

मुख्यालय- हेग (नीदरलैंड)

 

रासायनिक हथियार निषेध संगठन का मुख्य कार्य रासायनिक हथियारो के निर्माण, विकास व भण्डारण पर रोक लगाना है। इसके सदस्य देशो की संख्या 193 है।

21.  UNICEF (United Nation Children’s fund)

स्थापना-1946

मुख्यालय- न्यूयार्क

वर्तमान अध्यक्ष- Henretta H.Fore

 

22.  CTBT (Comprehensive Nuclear-Test-Ban-Treaty)

स्थापना- 1996

CTBT का पूरा नाम व्यापक परमाणु परीक्षण प्रतिबंध संधि संगठन है। इसका मुख्य कार्य परमाणु हथियारो के प्रचार-प्रसार पर रोक लगाना है।

23.  WHO (WORLD HEALTH ORGANISATION)

स्थापना- 1948

 

मुख्यालय- जेनेवा (स्विट्जरलैंड)

WHO का मुख्य कार्य विश्वभर में स्वास्थ्य सम्बंधी समस्त गतिविधियो को देखना होता है, कोरोना महामारी के समय में WHO महामारी से निपटने के लिए दिशा-निर्देश जारी करता था.

 

24.  INTERNATIONAL LABOUR ORGANISATION

स्थापना- 1919

 

मुख्यालय- जेनेवा (स्विट्जरलैंड)

INTERNATIONAL LABOUR ORGANISATION का मुख्य कार्य श्रमिको की स्थिति में सुधार करना है जिसके लिए इस संगठन को वर्ष 1969 में नोबल शांति पुरस्कार भी मिल चुका है।

इसके सदस्य देशो की संख्या 187 है।

25.  OPEC (Organisation of the Petroleum Exporting Countries)

स्थापना-1960

 

मुख्यालय- वियना (आस्ट्रिया)

 

ओपेक उन देशो का एक संगठन है जो विश्वभर मे पेट्रोलियम का निर्यात करते है। ओपेक में सदस्य देश निम्न प्रकार है- सऊदी अरब, वेनेजुएला, कतर, लीबिया, अल्जीरिया,इराक, यू.ए.ई, नाइजीरिया, अंगोला और इक्वाडोर.

26.  UNESCO

स्थापना-1946

मुख्यालय- पेरिस

UNESCO का मुख्य कार्य विश्व भर में शांति स्थापित करना होता है व शिक्षा, विज्ञान और संस्कृति के क्षेत्र में योगदान करना व राष्ट्रो के बीच मैत्रीपूर्ण सम्बंध स्थापित करने की जिम्मेदारी UNESCO के कंधो पर होती है।

 

 

Friday, June 11, 2021

SSC के छात्र इतना प्रदर्शन क्यो करते है? वजह यहां से जानिये-

भारत में सरकारी विभागो में भर्ती के लिए एक आयोग है जो कि विभिन्न विभागो के लिए भर्ती करता है, नाम है कर्मचारी चयन आयोग. कर्मचारी चयन आयोग भारत में बी व सी ग्रेड की भर्तियो को करवाता है व अन्य कई प्रकार की भर्तियों की कराने की जिम्मेदारी भी इसी आयोग की रहती है।

यह विभाग अक्सर सुर्खियों में रहता है, सुर्खियों में रहने की वजह इसका निकम्मापन व लेटलतीफी है, अक्सर एसएससी से सम्बन्धित परीक्षाओ की तैयारी करने वाले विद्यार्थी प्रदर्शन करते हुए पाये जाते है तो आइये समझने की कोशिश करते है कि एसएससी की तैयारी करने वाले विद्यार्थी इतना प्रदर्शन क्यो करते है?

इसको समझने के लिए पहले एक घटना का जिक्र कर लेते है, 2018 होली के आसपास की बात है, एसएससी पर आरोप लगा कि यहां पैसे देकर सीटे बांटी गयी है। बाहर से सिस्टम को हैक कर के परीक्षा केन्द्र पर उन लोगो को फायदा पहुंचाया गया है जिन्होने पहले से ही 20–40 लाख रूपये दे दिये है। लोगो ने विभिन्न विभागो में विभिन्न पदो के लिए भिन्न-भिन्न कीमते बतायी, जैसे कि इनकम टैक्स इंस्पेक्टर के लिए 40 लाख, एक्साइज इंस्पेक्टर के लिए 30 लाख, आदि आदि.

एसएससी मेंस की परीक्षा मे ऐसे आरोप लगे जिसके जवाब में छात्रो नें बहुत सारे सबूत पेश कियें और न्याय की मांग की।

विभिन्न चैनलो पत्रकारो को ट्वीटर पर टैग कर करके मदद मांगी गयी लेकिन किसी को कोई भी मदद न मिली। तब हजारो की संख्या में विद्यार्थी एसएससी कॉम्पलेक्स के सामने इकठ्ठे हुए कि कोई तो उनकी बात को सुनेगा। होली का माहौल था,  हजारो बच्चे घर नही गये औऱ वही रोड पर तकरीबन 3–4 दिन बैठे रहे।

देश भर से बच्चे होली का त्यौहार छोङ कर दिल्ली आये और इस प्रदर्शन में शामिल हुए औऱ न्याय की मांग की।








कोई भी विद्यार्थियो की सुननें वाला नही था, एक दिन सुबह आसपास के शौचालयों पर ताला लगा दिया गया जहां पर लङकियों के जाने की व्यवस्था थी,  इसके बाद बहुत ही ज्यादा विरोध हुआ फिर शौचालयो को वापस खोला गया.

विद्यार्थियो की मांगे थी कि पारदर्शिता लायी जाये और अगर धांधलेबाजी हुई है तो उन्हे उचित न्याय मिलें। बाद में इस मामले को राजनीतिक मोङ देने के लिए कई राजनीतिक नेता बीच में कूदे परन्तु कोई खास सफलता नही मिली।

एसएससी के चेयनमैन उस वक्त आसिम खुराना हुआ करते थें छात्रो की एक मांग यह भी थी कि इतनी धांधली के बाद आसिम खुराना को हटाया जाये और कोई ईमानदार और योग्य व्यक्ति को एसएससी का चेयनमैन बनाया जायें.

कोई भी मीडिया यह कवर नही कर रहा था, खैर प्रदर्शन राजनीतिक मोङ लेता जा रहा था, मनोज तिवारी, एबीवीपी जैसे तमाम संगठन भी आंदोलन से जुङ चुके थे. जांच सीबीआई को सौपीं, जांच के आदेश दिये गये और यह भी पाया गया कि परीक्षा में गङबङिया हुई थी परन्तु कोर्ट ने यह कहा कि अब यह नही पता लगाया जा सकता कि कौन छात्र पैसे देकर आया है और कौन अपनी मेहनत सें.

कुल मिलाकर छात्रो की मेहनत और आंदोलन का कोई परिणाम नही निकला. और छात्रो के हाथ लगी तो सिर्फ निराशा और भ्रष्टारियो के हौसले और मजबूत हुए। साथ ही साथ आसिम खुराना एसएससी चेयनमैन का कार्यकाल भी दो वर्ष के लिए बढा दिया गया.

 

अब बात 2019-20 की है, एसएससी ने रौलेट एक्ट जैसा एक कानून पास किया UFM जिसमें बिना किसी पूर्वसूचना के छात्रो को अयोग्य घोषित कर दिया गया। एसएससी सीएचएसएल का दूसरा Descriptive paper जिसमें Essay writing and letters लिखने होते है उसमें छोटी, xyz , प्रिय अनुज जैसे शब्दो के कारण लगभग 5000 छात्रो को 0 नम्बर देकर फेल कर दिया गया।

बाद में आरटीआई डाली गयी तो यह बात सामने आयी कि दो समान व्यक्तियों नें समान शब्दो का चयन किया है फिर भी एक को फेल तथा दूसरे को पास कर दिया गया है। जिसके बाद हजारों छात्र मदद की भीख मांगने लगे कोई भी मीडिया चैनल और पत्रकार मदद के लिए खुलकर सामने नही आया।

बहरहाल छात्रो की बहुत ही ज्यादा मशक्कत के बाद UFM को हटवाने में सफलता पायी थी जिसमें छात्रो को बहुत बार ट्वीटर पर कैंपेन करनी पङी थी, परन्तु अभी भी बहुत सारी चीजें ऐसी है जिसके माध्यम से एसएससी छात्रो को परेशान कर रही है जैसे कि एसएससी एमटीएस की परीक्षा 24 नवम्बर 2019 को हुई थी जिसका परिणाम तकरीबन एक साल बाद आया था, एसएससी मेंस व टियर 3 की परिक्षा 23 नवम्बर 2020 को हुई थी परन्तु आज 6 महीने बाद भी छात्रो को नम्बर तक नही बताये गये है।

अभी हाल ही में नवम्बर 2020 में एक नया विवाद एसएससी के साथ जुङा, जहां पर एसएससी मेंस की परीक्षा तीन दिनो में हुई, 15–16–18 नवंबर, 15 और 16 नवम्बर वाले छात्रो के औसतन नम्बर 120 के आसपास बन रहे थें, और 18 नवम्बर वाले छात्रो के 170–180 के बीच में।

बाद में नार्मलाइजेशन प्रक्रिया के तहत छात्रो के 60–60 नम्बर तक बढाये जा रहे है और इतने ही कम किये जा रहे है। कई छात्र तो ऐसे है जो कि 200/200 लाने के बाद भी क्वालिफाई नही कर पाये है।

पिछले महीनों एसएससी सीएचएसएल की कटऑफ 160/200 गयी है, इस बार जनरल की 528/600 गयी है। छात्रो का कहना है कि 1 लाख बच्चे मेंस देते है उनकी परीक्षा एक दिन भी करायी जी सकती है या फिर सभी पेपर्स का लेवल एक भी रखा जा सकता है।

मई 2021 होने को है और 2017 के सभी छात्रो की ज्वाइनिंग अभी नही हुई है, व 2018 सीजीएल के बच्चो की ज्वाइनिंग अभी नही मिली है।

2019 सीजीएल के टिअर 2 व 3 का रिजल्ट अभी तक नही आ पाया है व 2018 सीएचएसएल की भर्ती 4 साल में भी पूरी नही हुई है व टाइपिंग टेस्ट का रिजल्ट 6 महीने बाद भी नही आया है।


छात्रो की एसएससी को लेकर क्या शिकायते है:-

·         एसएससी सीजीएल 2013 का पूरा एग्जाम कैंसिल कर दिया गया था और बाद में 2014 में दोबारा एग्जाम कराया गया था, साल 2013 में प्रश्नपत्र लीक हो गया था जिसमें 14 दोषियो को पकङा गया था जिसमें से एक पुलिसवाला भी था। इस सम्पूर्ण परीक्षा को निरस्त कर इसकी दोबारा परीक्षा 2014 में ली गयी थी।

·         एसएससी सीजीएल 2017 में मेंस का एग्जाम भी लीक हुआ था जिसके लिए छात्रो नें प्रदर्शन किया था व बाद में यह केस सीबीआई को सौंपा गया था, परन्तु कोई संतुष्टजनक परिणाम नही निकला और कोर्ट ने कहा कि ईमानदारी से चयनित हुए अभ्यर्थियों और नकल से चयनित हुए अभ्यर्थियो में विभेद करने का कोई तरीका नही है इसीलिए 2017 सीजीएल की परीक्षा को यथावत रखा गया।

·         एसएससी सीजीएल 2018 के छात्रो की ज्वाइनिंग अभी तक नही आयी है जबकि तीन साल होने को है।

·         एसएससी सीजीएल 2019 के टिअर 2 और टिअर 3 नवम्बर 2020 में हो चुके है और छात्रो को नम्बर अभी तक नही बतायें गयें है।

·         छात्र इस संस्था की लेटलटीफी और भ्रष्टाचार से इतना त्रस्त है कि एक डेट निकलवाने तक के लिए छात्रो के ट्वीटर पर प्रदर्शन करना पङता है, संस्था के गैर-जिम्मेदाराना रवैया इस कदर तक हावी है कि छात्र खून के आंसू रोने को मजबूर है।

 

नीचे दिया गया चार्ट देखिए और समझिये कि किस प्रकार 2012 के बाद से एसएससी के वेकैंसीज कम होती चली गयी है-



·        

छात्र एसएससी से क्या-क्या मांगे रखते है-

 

1.      छात्रो की एसएससी से जो पहली मांग है वह यही है कि भर्ती प्रक्रिया को तेज किया जाये क्योकि एक भर्ती प्रक्रिया को पूरी होने में तकरीबन 4 साल लगते है। इसी मध्य एक छात्र 4 सालों तक एसएससी के सभी पेपर देता है। एक भर्ती प्रक्रिया के पूरे होने का समय 1 साल है जो कि एक साल में पूरी हो जानी चाहिए उसके पश्चात् दूसरी साल की भर्ती प्रक्रिया चालू करनी चाहिए. लेकिन ऐसा रणनीति के तहत नही होता क्योकि एसएससी ऐसा करके एक ही छात्र से कई बार के पैसे वसूलती है।

2.      छात्रो का कहना है कि यूपीएससी व अन्य परीक्षाओ की भाति एसएससी में भी वेटिंग लिस्ट होनी चाहिए कि यदि कोई छात्र ज्वाइन नही करता है तो उसकी जगह पर कोई अन्य छात्र ज्वाइन कर सके जो कुछ नम्बर कम होने की वजह से ज्वाइन नही कर सका था।

3.      एक ही लेवल के पेपर बनाये जाने चाहिए और जितना हो सके उतनी कम शिफ्टो में एग्जाम लिये जाने चाहिए ताकि सबके लिए एक ही लेवल मेनटेन हो सके और मेंस की परीक्षा एक ही दिन करायी जानी चाहिए.

 

ऐसी बहुत सारी समस्याऐ है जिनसे छात्र निजात पाना चाहते है जिनके लिए अक्सर ट्वीटर पर कैपेन व प्रदर्शन किया करते है। एसएससी की सबसे खराब विशेषता यही है कि यह सबसे भ्रष्ट संस्था है जो कि लेट-लटीफी कर के लाखों युवाओ का समय बर्बाद कर रही है।

अगर आप या आपका कोई अन्य व्यक्ति भी एसएससी की लेटलतीफी और गैर जबावदेही से परेशान है तो हमें कमेंट कर के बतायें और यह आर्टिकल हर उस व्यक्ति तक शेयर करें जो सिस्टम की कमियों को आप पर थोपने की कोशिश करता है और आपको नाकाम साबित करनें में जुटा रहता है।

 

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