Thursday, February 25, 2021

modi_job_do & modi_rojgar_do यह ट्रेंड सोशल मीडिया पर क्यों चल रहा है?

 modi_job_do & modi_rojgar_do इस हैशटैग को ट्वीटर पर ट्रेंड कराने का मुख्य उद्देश्य छात्रो द्वारा अपनी समस्याओ को सरकार के सामने लाना है और चयन प्रक्रिया में सुधार करवाना है। छात्र चाहते है कि इस ट्रेंड के माध्यम से सरकार तक बात पहुँचे और सरकार हमसें हमारी समस्याऐ पूछें और चयन प्रक्रिया में सुधार लायें.

 

 modi_job_do & modi_rojgar_do, यह हैशटैग कब और कैसे शुरु हुआ?

19 फरवरी को एसएससी सीजीएल टियर 2 परीक्षा का परिणाम आया जिसमें यह देखा गया कि कुछ छात्र ऐसे भी है जिन्होने 85% से ज्यादा स्कोर किया है और कट-ऑफ नही क्लियर कर पाये है. कई छात्र तो ऐसे थे जो कि 200 में से 200 नम्बर लाये थे जिसके बाद भी परीक्षा क्लियर नही कर पाये थें।

दरअसल एसएससी मेंस की परीक्षा 15-16 और 18 नवम्बर को हुई थी जिसमें से 15 नवम्बर और 16 नवम्बर के पेपर का लेवल ठीक-ठाक था जिसमें छात्रो ने औसतन 120 नम्बर के आसपास स्कोर किया, परन्तु 18 नवम्बर वाला पेपर इतना आसान था कि छात्रो नें 175 के आसपास औसतन स्कोर किया। बाद में जब 19 फरवरी को परीक्षा परिणाम आया तो 15-16 वालो के 60-70 नम्बर तक बढाये गये थे व 18 नवम्बर वालो के इसी हिसाब से कम किये गये थें. जिसके बाद यह सब देखकर छात्रो का गुस्सा फूटा।

छात्रो का कहना है कि एसएससी मेंस के तीन पेपर क्या एक संस्था द्वारा एक ही लेवल के नही बनाये जा सकते थें? क्या 1.5 लाख बच्चो का एग्जाम एक ही दिन नही कराया जा सकता है? क्या नौकरी पाना अब मेहनत के बजाय किस्मत की बात हो गयी है?

इन्ही सभी बातो को लेकर छात्रो नें ट्वीटर पर कैपेंन करने की सोची ताकि अपनी बात सरकार तक पहुँचायी जा सकें और चयन प्रक्रिया को तेज और बेहतर बनाया जा सकें।

SSC और छात्रो के पुराने विवाद-

वर्ष 2013 में नकल के आरोपो के बाद पेपर को कैसिल किया गया था व दोबारा परीक्षा करायी गयी थी, जिसके बाद यह माना गया कि SSC अब विवादो से दूर रहेगी परन्तु ऐसा कुछ नही हुआ। 
 
2018 की बात है, एसएससी पर आरोप लगा कि यहां पैसे देकर सीट बांटी गयी है। बाहर से सिस्टम को हैक कर के परीक्षा केन्द्र पर उन लोगो को फायदा पहुंचाया गया है जिन्होने पहले से ही 20–40 लाख रूपये दे दिये है।
हजारो की संख्या में विद्यार्थी एसएससी कॉम्पलेक्स के सामने इकठ्ठे हुए कि उनकी बात की कोई सुनेगा। होली का माहौल था, हजारो बच्चे घर नही गये औऱ वही रोड पर तकरीबन 3–4 दिन बैठे रहे। विद्यार्थियो की मांगे थी कि पारदर्शिता लायी जाये और अगर धांधलेबाजी हुई है तो उन्हे उचित न्याय मिलें।
 
एसएससी मेंस की परीक्षा मे ऐसे आरोप लगे जिसके जवाब में छात्रो नें बहुत सारे सबूत पेश कियें और न्याय की मांग की। बाकायदा सीबीआई और सरकार को सबूत दिये गयें। मेंस के एक पेपर को कैंसल किया गया और लगभग 15 दिन बाद कराया गया। 
बाद में मामला कोर्ट गया और लम्बे समय तक चलता रहा बाद में कोर्ट नें यह कहा कि यह सम्भव नही है कि एक मेहनत कर के आये हुए छात्र और नकल कर के आये हुए छात्र में विभेद किया जा सकें इसलिए समस्त भर्ती जिस प्रकार चल रही थी उसी प्रकार चलती रहने दी जायें.
 
 
2020 की बात है एसएससी ने रौलेट एक्ट जैसा एक कानून UFM (Unfair means) पास किया, UFM में जिसमें बिना किसी पूर्वसूचना के छात्रो को अयोग्य घोषित कर दिया गया। एसएससी सीएचएसएल का दूसरा Descriptive paper जिसमें Essay writing and letters लिखने होते है उसमें छोटी, xyz , प्रिय अनुज जैसे शब्दो के कारण लगभग 5000 छात्रो को 0 नम्बर देकर फेल कर दिया गया।
 बाद में आरटीआई डाली गयी तो यह बात सामने आयी कि दो समान व्यक्तियों नें समान शब्दो का चयन किया है फिर भी एक को फेल तथा दूसरे को पास कर दिया गया है। जिसके बाद हजारों छात्र मदद की भीख मांगने लगे परन्तु कोई भी मीडिया चैनल और पत्रकार सामने नही आया।

बहरहाल छात्रो की बहुत ही ज्यादा मशक्कत के बाद जब छात्रो ने UFM को हटाने के लिए ट्वीटर पर ट्रेंड चलाया तब जाकर कहीं  UFM को हटाया गया।

 

SSC को छात्र सबसे सुस्त कमीशन कहते है जिसके पीछे कि वजह यह है कि 2017 की भर्ती की सारी ज्वाइनिंग  SSC अभी नही दे पाया है. 2018 का रिजल्ट अभी तक पूरा नही आया है। और 2019 सीजीएल के रिजल्ट का अभी सिर्फ टियर 3 हुआ है जिसके लिए यह विरोध हो रहा है।

 

 छात्रो की प्रमुख मांगे क्या-क्या है?

छात्रो की प्रमुख मांगो में सबसे बङी मांग यही है कि चयन प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाया जायें. छात्रो की कुछ मांगे इस प्रकार है।
  • चयन प्रक्रिया को तेज और पारदर्शी बनाया जायें।
  • एसएससी में वेटिंग लिस्ट यूपीएससी की तर्ज पर लागू की जाये ताकि ज्वाइन न कर पाने की स्थिति में एक सीट न खराब हो।
  • परीक्षा को जितना हो सके कम शिफ्ट्स में लिया जाये और पेपर का लेवल एक ही तरह का रखा जायें.
  • एसएससी मेंस की परीक्षा को एक ही दिन में एक ही शिफ्ट में कराया जायें.
  • सरकारी विभागो के खाली पदो की जानकारी दी जाये और पद भरे जायें.
  •  एसएससी में लगातार कम हो रही वेकैंसी को बढाया जायें.
दरअसल 2012 के आसपास एसएससी तकरीबन 20000 पोस्ट एक साल में निकालता था जो कि अब घटकर 2020 में महज 6000 तक रह गयी है। यही हाल बैंकिग सेक्टर का भी है नीचे दी गयी फोटो से आप समझ सकते है कि किस प्रकार वेकैसी घटती जा रही है।
 
 
ऊपर दी गयी फोटो से आप समझ सकते है कि किस प्रकार एसएससी और बैंक की वेकेंसीज लगातार घटती जा रही है।

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